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सर्वे के मुताबिक भारत की 89 फीसदी आबादी टेंशन में है, लेकिन क्यों?

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टेंशन एक ऐसा रोग जो लगभग दुनिया के हर आदमी को कभी ना कभी तो हुआ होगा। लेकिन जब यही हद से ज्यादा हो जाए तो यह रोग आपकी मानसिकता को कमजोर कर देता है। आज एक शहर नहीं पूरे देश में लोग इस बीमारी का शिकार बन चुके है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में लगभग 89 प्रतिशत लोग टेंशन में है। जबकी विश्व स्तर पर यह औसत 86 प्रतिशत है। और यह काफी चिंता का विषय बन चुका है।

सर्वे में शामिल लोगों में से हर आठ तनावग्रस्त लोगों में से एक व्यक्ति को इन परेशानियों से निकलने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग कई कारणों से अपनी इस समस्या का इलाज नहीं करा पाते। इनमें सबसे बड़ी समस्या इसके इलाज पर आने वाले खर्च की है।

आपको बता दें की यह सर्वे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन, ब्राजील और इंडोनेशिया समेत 23 देशों में किया गया था। और इसके नतीजे भारत के लिए चिंताजनक है, क्योंकि दुनिया के इन तमाम देशों के मुकाबले भारत के लोग कहीं ज्यादा तनाव का सामना कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस ने अपने सिग्ना ‘360 डिग्री वेल-बीइंग सर्वेक्षण-फ्यूचर एश्योर्ड’ की एक रिपोर्ट जारी की है। इस सर्वे के दौरान दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले 14,467 लोगों का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। जिसमें पता चला कि भारत लगातार चौथे साल तनाव के मामले में दुनिया के बाकी देशों से कहीं आगे है।

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