मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन शोषण मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में अभी तक 14 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा शामिल हैं। उनके खिलाफ यह कार्रवाई राज्य के बालिका गृहों में अनियमितताओं को लेकर लापरवाही बरतने के लिए की गई है।
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में राज्य सरकार ने समाज कल्याण विभाग के जिस सहायक निदेशक दिवेश शर्मा को निलंबित किया है उन्होंने ही इस घटना की प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी और इस मामले में वादी भी हैं। समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा के अलावा मुजफ्फरपुर के एडीसीपी दिवेश कुमार शर्मा, मुंगेर की सीमा कुमारी, अररिया के घनश्याम रविदास, मधुबनी के कुमार सत्यकाम, भागलपुर की गीतांजलि प्रसाद एवं भोजपुर के तत्कालीन एडीसीसी आलोक रंजन को निलंबित किया गया है।
राज्य सरकार की यह कार्रवाई बाल संरक्षण इकाई के निलंबन के साथ शुरू हुई। उन पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की टीम द्वारा किए गए सामाजिक अंकेक्षण संबंधी रिपोर्ट पर आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। निलंबन का यह आदेश समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार आदेश से जारी हुआ है। उक्त रिपोर्ट में लड़कियों की प्रताड़ना की जानकारी दर्ज है। इन अधिकारियों पर निरीक्षण रिपोर्ट में कभी भी बालिका गृहों के हालात से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराने का भी आरोप है। जारी आदेश के अनुसार टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई की कोशिश टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए विभाग की 26 मई 2018 की राज्य स्तरीय बैठक में भी सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी उन्हाेंने लापरवाही बरती।