स्वच्छता सरकारी योजना ही नही बल्कि यह आम इन्सान की जरूरत भी है जिसको लेकर देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक चिंतित हैं पर देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों को बलिया रोडवेज नही मानता और गंदगी को अपनी महानता समझता है, गंदगी से लबालब बलिया रोडवेज अपनी जिम्मेदारियों को दुसरे विभागों पर थोपने में लगा है।
मुख्यमंत्री के आदेश की कोई परवाह नहीं
योगी सरकार ने प्रदेश को स्वच्छ बनाने के लिए सरकारी विभागों में पान गुटखा खाना प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन बलिया रोडवेज की हालत देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि मुख्यमंत्री के आदेश का पालन बलिया रोडवेज कितना करता है। रोडवेज विभाग के हर कमरे में पान की पीक, शराब की खाली बोतलों का जखीरा मिला। सरकार लाख कोशिश कर ले पर सरकारी विभागों में ख़ासतौर पर बलिया रोड़वेज के कर्मचारियों और विभाग पर इसका कोई असर नहीं दिखाई देता जब कि मोदी सरकार और सूबे की योगी सरकार की प्राथमिकताओ में स्वच्छता अभियान है।
कैसे बनेगा उत्तम प्रदेश
बालिया रोडवेज की स्वच्छता व्यवस्था के जानकारी के लिए रोडवेज प्रभारी संचालक के कार्यालय में पहुचकर जानकारी मांगी गयी तो जनाब की कुर्सी खाली और एक बाहरी(जो कर्मचारी नही था) सोते मिला। गंदगी सरकार को मानो मुंह चिढ़ा रहे है। यही नहीं जब हमारी नज़र उस जगह पहुँची जहाँ यात्रियों के खाने के लिए समान तैयार हो रहा था। वहां समोसे और पुड़ियां गन्दे
फ्रिजर जो काफी दिनों से खराब पड़ा था, उसी के उपर तैयार की जा रही थी। कैंटीन के बाहर नाली गंदगी से बजबजा रही थी। शौचालय इतने गंदे है कि लोग खुले परिसर में शौच करने को मजबूर हैं।
ठेकेदार के स्वीपर नही आते
रोडवेज के इस हालात पर जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक से बात की गयी तो उनका कहना था कि नाली की सफाई के लिए नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष से बात की जा रही है। स्टेशन की साफ-सफाई के लिए लखनऊ के ठेकेदार हैं, जिनके कर्मचारी कभी नही आते है, और कुछ दिन पहले मॉडल स्टेशन के नाम से चिन्हित किया गया सरकार दवारा बलिया रोडवेज स्टेशन जिसका हॉल बेहाल है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट