दिल्ली में बीते दिनों में हुई बारिश और हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रविवार सुबह 6 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.44 मीटर तक पहुंच गया है जबकि शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है, जिसके आज शाम तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। ऐसे में दिल्ली के नीचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मड़राने लगा हैं।
मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
दिल्ली में बाढ़ के खतरे के चलते नीचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने 43 नौका भी यमुना नदी के किनारे तैनात कर दी हैं। वहीं दिल्ली मुख्यमंत्री के नीचले इलाकों में बढ़ते बाढ़ का खतरा देखते हुए ट्वीट किया, ‘ हरियाणा ने पांच लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़ा है। हालात पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई। ये पानी रविवार शाम तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। प्रशासन जहां से भी लोगों को निकालकर ले जा रहा है, वहां पर उनसे सहयोग करने को कहा जा रहा है।’
इन इलाकों का ज्यादा खतरा
दिल्ली के पल्ला, झंगोला, बुराड़ी , बाबा कॉलोनी, जगतपुर और वजीराबाद में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा है, ये इलाके यमुना नदी के ज़द में सबसे ज्यादा हैं। साथ ही सोनिया विहार, शास्त्री पार्क, गांधी नगर, ओखला पर भी बाढ़ का साया मंडराने लगा है। ऐसा माना जा रहा हैं कि हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण दोपहर बाद यमुना विकराल रूप धारण कर सकती है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर 19 जून 2013 को 207 पहुंच गया था उस समय हथिनी कुंड बैराज से 8 लाख पानी छोड़ा गया था। लेकिन तब दिल्ली में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई थी।
दिल्ली की गलियों से निकलते हुए नालों का पानी साधे यमुना में जाकर गिरता है और यमुना का जलस्तर बढ़ने से यह पानी वापस दिल्ली में आने लगता हैं। इसीलिए यमुना में गिरने वाले सभी नालों को बंद कर दिया गया है और पंप से पानी खींचने का काम जारी है।