मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चीयों के साथ किस तरह से हैवानियत का घिनोना खेल खेला जा रहा था इसका अंदाजा आपको तब लगेगा जब आप पीड़िताओं की आपबीती सुनेंगें। शेल्टर होम से बचाई गई कई लड़कियों ने ड्रग्स दिए जाने, भूखे रखने और हर रात बलात्कार होने की बात कहीं हैं। 7-18 साल की इन लड़कियों का आरोप है कि उनके खाने में नशे की गोलियां मिलाकर उन्हें नग्न सोने पर मजबूर किया जाता था। विरोध करने पर लड़कियों की पिटाई की जाती थी। शनिवार को आई मेडिकल रिपोर्ट्स में साफ हुआ कि यहां की कुल 34 लड़कियों का यौन शोषण किया गया।
विशेष पाक्सों अदालत के सामने बालिका गृह की 10 वर्षीय पीड़िता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ”मेरे खाने में नशे की गोलियां मिला दीं जिससे मुझे चक्कर आने लगे। आंटियां मुझे ब्रजेश सर के कमरे में सोने को कहती थीं और बात करती थीं कोई मेहमान आने वाला है। सुबह जब मैं उठती थी तो मेरी पैंट फर्श पर बिखरी मिलती थी।” एक अन्य पीड़िता ने बताया, नशे की गोलियां ‘कीड़े की दवाई’ बताकर उन्हें खिलाई जाती थीं। उसने कहा, ”आंटियां मुझे रात में कीड़े की दवाई देती थीं, इसके बाद हम सो जाते थे। सुबह मेरा पूरा शरीर दर्द करता था,कई बार तो हमें पेट में लात भी मारी गई।” कई लड़कियों ने भी पीटे जाने की बात कही है।
यहां नौकरानी के रूप में काम करने वाली लड़की ने कहा कि एक बड़े तोंदवाला आदमी ‘दवा’ लेने से इनकार करने पर उसे पीटता था। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ब्रजेश उसे अपने ऑफिस में ले जाकर निजी अंगों से छेड़खानी करता था। अदालत के सामने पीड़िता ने कहा, “वह इतनी बुरी तरह से खरोंचता था कि निशान पड़ जाते थे।”
पीड़िताओं ने बताया है कि उनपर कई बार खौलता तेल और पानी फेंका गया। एक ने कहा कि उसने और कुछ और लड़कियों ने कैसे अपने हाथ-पैर टूटे कांच से काट लिए ताकि ‘गंदा काम’ करने के लिए उन्हें मजबूर न किया जा सके। पुलिस का अनुमान है कि पिछले पांच सालों में करीब 470 लड़कियां इस शेल्टर होम में लाई गईं।