बलरामपुर। क्या सच में हमारा देश बदल रहा है। कहने को कहा जा रहा है कि न्यू इंडिया बनाया जा रहा है। जहां पर कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। शिक्षा के लिए बिना पुख्ता इंतजामात के भारत को बदलने और न्यू इंडिया बनाने की बातें बेमानी से लगती हैं। छत्तीसगढ़ में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। जहां पर स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने की वजह से छात्र खुले आसमान या पेड़ की छांव में पढ़ने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं।
बलरामपुर के जगिमा गांव में, सरकारी स्कूल के छात्रों को एक पेड़ के नीचे अध्ययन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, स्कूल के निर्माण के लिए आवंटित भूमि पर सरकार और कुछ ग्रामीणों के बीच विवाद की वजह से ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश और मानसून के मौसम के दौरान, स्कूल में या तो एक छुट्टी घोषित कर दी जाती है या फिर पास के आंगनवाड़ी में कक्षाएं चलाई जाती हैं।
कुछ लोग बताते हैं कि प्राथमिक विद्यालय के निर्माण के लिए फंड 2005 में जारी किया गया था, लेकिन विवाद का कोई हल नहीं निकला, इसलिए स्कूल कभी नहीं बन पाया।
जिला शिक्षा अधिकारी, बलरामपुर आईपी गुप्ता ने कहा कि इसके निर्माण की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) को दी गई थी, लेकिन बी/डब्ल्यू एसएमसी और भूमि मालिक के बीच हिंसक संघर्ष हुआ, जिसके बाद मालिक को जेल भेज दिया गया। यही कारण है कि ग्रामीण नाराज हैं और इसका खामियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है।