दो साल पहले ममता बनर्जी सरकार ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलने का प्रयास किया था लेकिन असफल रहीं थी पर अब पश्चिम बंगाल ‘बांग्ला’ नाम को अपनाने के करीब पहुंच गया है। इस नाम परिवर्तन का प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पेश किया गया है। राज्य के सभी दलों ने विधानसभा में इस प्रस्ताव पर सहमति भी प्रकट की है, प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी भाषाओं में यह नाम ‘बांग्ला’ ही होगा। अब इस प्रस्ताव को केंद्र के पास सहमति के लिए भेजा जाना है।
अपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अलग-अलग भाषाओं में इसका नाम सुझाया था, बंगाली में ‘बांग्ला’, हिंदी में ‘बंगाल’ और अंग्रेजी में ‘Bengal’ का प्रस्ताव दिया था। राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल का नाम सबसे नीचे आने कि वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाम बदलने का विचार किया। इस कारण मीटिंगों में मुख्यमंत्री के बोलने का नंबर या तो सबसे अंत में आता था या कई बार नहीं भी आता था।