लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को लखऩऊ में बसपा के राष्ट्रीय संयोजक जय प्रकाश सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निकाल दिया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि किसी भी पार्टी के नेता पर बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह कहा कि यह जय प्रकाश सिंह का निजी बयान हो सकता है। बसपा का उनके बयान से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें, बसपा के निष्कासित राष्ट्रीय संयोजक जय प्रकाश सिंह ने 16 जुलाई यानि सोमवार को एक सभा के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए राहुल गांधी पर अनाप-सनाप बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी अगर राजीव गांधी पर गया होता तो वह राजनीति में स्थापित हो सकता था, लेकिन वह अपनी मां पर गया है। इसलिए भारतीय राजनीति में उसका सफल होना मुश्किल है। राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने का माद्दा नहीं है। इसलिए बसपा सुप्रीमो मायावती तो पीएम पद का प्रत्याशी घोषित किया जाना चाहिए। बहन मायावती ही प्रधानमंत्री मोदी की बातों का जवाब दे सकती हैं और विपक्ष को 2019 में उन्हें पीएम का कैंडिडेट बनाया जाना चाहिए।
जय प्रकाश सिंह ने गाय पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि गाय एक अच्छी पशु हो सकती है। कम खाना खाकर ज्यादा दूध दे सकती है। लेकिन वह किसी की मां नहीं हो सकती है। माता वही हो सकती है जो हमें जन्म दिया है। गाय तुम्हारी माता होगी, हमारी माता तो वह है जिसने हमको जन्म दिया है।
बसपा सुप्रीमो को जब जय प्रकाश सिंह की इस गलत बयानबाजी के बारे में पता चला तो उन्होंने उनको तुरंत प्रभाव से पार्टी से चलता कर दिया और अब वे पैदल हो गए हैं।
गौरतलब है कि मायावती ने पार्टी के दूसरे नेताओं को भी नसीहत देते हुए कहा कि गठबंधन पर कोई कुछ नहीं बोलेगा। गठबंधन का मामला हाई कमांड पर छोड़ दिया जाना चाहिए। हमारी पार्टी का गठबंधन समाजवादी पार्टी के साथ है जो एक बेहतर और विचारों वाला गठबंधन है। पार्टी के कार्यकर्ता जाकर जमीनी स्तर पर काम करें, जिससे आने वाले चुनाव में पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटें मिल सकें।
बसपा सुप्रीमो गठबंधन को लेकर बहुत गंभीर हैं, जिसकी वजह से वह नहीं चाहती हैं कि किसी के गलत बयानबाजी की वजह से गठबंधन में कोई मन मुटाव पनपे। हालांकि, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि हम गठबंधन धर्म निभाने के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।