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हरिद्वार:लावारिसों के मौत का द्वार बना सरकारी अस्पताल

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अस्पताल और डॉक्टरों को धरती पर भगवान और जीवन देने वाला माना जाता है । लेकिन एक अस्पताल एसा भी है । जहां धरती के यह भगवान सिर्फ पैसे वालों के हो गए है। जो लावारिस होते हैं उनको ये भगवान जीवन नहीं बल्कि देते है सिर्फ मौत । यह हम नहीं बल्कि हरिद्वार के जिला चिकित्सालय से मिले आंकड़े बता रहे हैं। जिला चिकित्सालय से मिले आंकड़ों पर अगर गौर किया जाए तो यहां 3 साल में आए तमाम लावारिस मरीजों को जिंदगी नहीं बल्कि मौत मिली है। अस्पताल में भर्ती लावारिस मरीजों का ये हाल है कि न तो उन्हें दवा अच्छी मिल रही हैं और न ही भोजन । हर साल सरकार जिले के इस सरकारी अस्पताल पर करोड़ों रुपए खर्च किया जाता है। लेकिन यहां आने वाले लावारिस मरीजों को यह अस्पताल जिंदगी नहीं बल्कि मौत बांट रहा है । गंग ज्योति मिशन संस्थान के सचिन बेनीवाल का कहना है कि अस्पताल में लावारिस मरीजों पर न तो ध्यान दिया जाता । और ना ही उनको सही दवा दी जाती । यही वजह है कि 3 साल में यहां 202 लावारिस मरीज भर्ती किए गए जिन सभी की मौत हो गई इनका कहना है कि इस अस्पताल से कोई ना कोई बड़ा गोरखधंधा संचालित हो रहा है । जिसकी जांच होनी अब जरूरी है क्योंकि इन लावारिस मरीजों की मौत का कारण पूछने वाला कोई नहीं होता। जिस वजह से आसानी से यहां गोरखधंधा हो सकता है।

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