पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की रिपोर्टों को खारिज कर दिया।
महागठबंधन में शामिल होने की अफवाहें उनके दामाद के महागठबंधन में शामिल होने के बाद आईं। इसके साथ ही दलित सेना के अध्यक्ष अनिल कुमार साधू इस वर्ष मार्च में आरजेडी में शामिल हो गए।
इससे पहले वरिष्ठ राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया था कि पासवान उनकी पार्टी के नेताओं से संपर्क में हैं और लोकसभा चुनाव से पहले वह आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में शामिल होंगे।
हालांकि, पासवान ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि राम विलास पासवान बहुत बड़े मौसम विज्ञानी नेता हैं, जो हवा के रुख से भांप लेते हैं कि अगली बार किसकी सरकार बनने जा रही है। उनकी पार्टी इतनी मजबूत नहीं है कि अकेले दम पर चुनाव जीत सके। इसलिए वह किसी न किसी गठबंधन का हिस्सा जरूर रहते हैं। उन्होंने भले ही दबे मन से इस रिपोर्ट को एक सिरे से खारिज कर दिया कि वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन जिस तरह से महागठबंधन मजबूत होता जा रहा है और हाल के उपचुनाव के नतीजे से लोगों के मन में इस बात की आशंका बढ़ती जा रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर रह सकती है।
बता दें, राम विलास पासवान को अगर इस बात का भरोसा बढ़ रहा होगा कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर रह सकती है तो वे भले ही इस रिपोर्ट को खारिज कर दिये हैं, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले समय में वे ऐसा नहीं करेंगे।
इसके पहले जब राम विलास पासवान लोकसभा का चुनाव हार गए थे तो लालू यादव ने ही उनको राज्यसभा में भेजा था। इसलिए इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।