योगी सरकार में यूपी के बस्ती जिले में बना गौशाला दुर्दशा के आंसू बहा रहा है। जानवरों के खाने के लिए यहां पर चारे की कोई व्यवस्था नही है। जानवर भूखे और बीमार है। गौशाला के प्रबंधक ने बताया कि उनके पास बीमार जानवरों के इलाज के लिए पैसे नही है।
आपको बता दें, कि यूपी में बने गौशालाओं के हालात इतने बेकार है, कि ना तो जानवरों के खाने के लिए कुछ है और ना ही जानवरों के इलाज पैसे। गौशाला के प्रबंधक से पुछने पर उसने बताया कि सरकार से गौशाला के लिए उन्हे कोई अनुदान नही मिल रहा है, तो हम कहां से जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था करें या उनका इलाज कहां से कराये। इस समय इस गौशाला में 110 जानवर है। जिनके खाने की व्यवस्था नही है। कर्मचारी को उनका वेतन नही मिल रहा है
इस गौशाला की स्थापना 1905 में हुई थी 2000 में तत्कालीन राज्यपाल ने भवन निर्माण के लिए 1700000 रुपए का अनुदान दिया था। सपा सरकार से गौशाला में जानवरों के रहने, खाने की व्यवस्था करने के नाम पर अनुदान भी मिलता था, लेकिन जब से BJP सरकार बनी और योगी मुख्यमंत्री बने तब से इस गौशाला में कोई ना तो अनुदान दिया जा रहा है और ना गौशाला की देखरेख की जा रही है।
लेकिन उत्तर प्रदेश में जब योगी सीएम बने थे। तब से उन्होंने सख्त निर्देश दिया था, हर जनपद में गौशालाओं का निर्माण कराया जाए और छुट्टा पशुओं को रहने, खाने की व्यवस्था सरकार करेगी। लेकिन बस्ती जिले में बना गौशाला अपने दुर्दशा के आंसू बहा रहा है। इस गौशाला में लगभग 400 से अधिक जानवर रह सकते है, लेकिन जितने भी जानवर इस गौशाला में आते है, उन जानवरों के इलाज और उनके खाने के लिए इस गौशाला में कोई व्यवस्था नही है। जानवर भूख से मर रहे है,बीमार पड़ रहे है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव