योगी सरकार सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करने का दावा भले ही कर रही हो,मगर यूपी के बलिया जिला अस्पताल की संवेदनहीनता योगी सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है।ताजा मामला बलिया के जिलाचिकित्सालय का है,जहाँ मरीज को जब स्ट्रेचर नही मिला तो उसके परिवार वाले कैसे गोद मे उठा कर इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाने के लिए ले जाते जहाँ डॉक्टर मरीज के सीने पर हाथ से दबा कर पंप कर रहा है,लेकिन तब तक मरीज की मौत हो जाती है।
बलिया के जिला अस्पताल कैंपस में गोद मे उठाकर ले जाते इस तस्वीर को गौर से देखिए एक मरीज को जब अस्पताल स्ट्रेचर मुहैया नही करा पाया तो मजबूरी में परिजन मरीज नरही थाना क्षेत्र के सोहांव गांव के देवमुनि राम को गोद में ही उठा कर इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाने ले जा रहे हैं।वही इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर मरीज के सीने को अपने हाँथो से दबा कर पंप कर उसकी सांसे पुनः वापस लाने का प्रयास कर रहा है।लेकिन मरीज की सांसे वापस नही आ पाई क्योकि देवमुनि राम की मौत हो चुकी है।
जब इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की गई तो उनका जवाब भी बेहद चौकाने वाला था उनका कहना था कि बिना स्ट्रेचर के मरीज को नही ले जाना चाहिए हर जगह लिखा हुआ है कि बिना स्ट्रेचर के कोई भी मरीज को शिफ्ट न किया जाए,फिर ऐसी स्थिति क्यो है,जब स्ट्रेचर नही है,तो 2 मिनेट रूक जाएं।वहीं दूसरी तरफ यह भी कह रहे हैं कि हमारे हॉस्पिटल में मैन पावर की कमी है और हॉस्पिटल पर लोड बहुत ज्यादा है जो मरीज वार्ड में स्ट्रेचर ले जाते हैं।वो वापस नही करते है।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट]