गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में ग्रामीणों ने आज गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया और यहाँ के किसानों द्वारा जी.डी.ए के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई।दरअसल रहिसपुर गाँव के किसानों की जमीन का सन 1960 में अधिग्रहण किया गया था।जिसका विरोध लगातार ये किसान कर रहे हैं।आज काफी संख्या में किसान और महिलाएं डीएम दफ्तर के बाहर पहुंचे और धरने पर बैठ गए।
धरणारत किसान बढ़ा हुआ मुआवजा चाहते हैं।जिसके लिए वो पिछले तीन सालों से यहां संजय नगर इलाके में धरना दे रहे थे।लेकिन स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों की अनदेखी के चलते आज बड़ी संख्या में किसान डीएम दफ्तर पर पहुंचे और बढ़े मुआवजे की मांग को लेकर यहां धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना हैं कि वो सुप्रीम कोर्ट तक चले गए।जहां जीडीए हार गया है और बढ़े मुआवजे देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है लेकिन जीडीए फिर भी बढ़े मुआवजा देने को तैयार नही है।
1960 में उनकी जमीनों को किसानों की मर्जी के खिलाफ धारा लगा कर अधिग्रहित किया गया था। किसानों का कहना है कि जीडीए आज जमीनों को लाख रुपये के रेट में बेच रहा है।लेकिब उन्हें 45 रुपये के हिसाब से मुआवजा देने को तैयार नही है।वहीं किसान भी यहां धरने से उठने को अब तैयार नही हैं ।साफ है जहां एक और सरकार की तरफ से भूमिअधिग्रहण को लेकर किसानों के हितों की रक्षा को लेकर तमाम तरह के वादे किए जाते हैं,और हाल में ही भूमिअधिग्रहण बिल को लेकर तमाम तरह के विवाद भी हुए।अब यहाँ के किसान भी अपनी जमीन और बढ़ी दर पर मुआवजे के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए गाजियाबाद से रमन शर्मा की रिपोर्ट]