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शरीर का फीगर न बिगड़े, इसलिए बच्चों को स्तनपान कराने से बचती हैं शहरी महिलायेंः आनंदीबेन

शरीर का फीगर न बिगड़े, इसलिए बच्चों को स्तनपान कराने से बचती हैं शहरी महिलायेंः आनंदीबेन

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इंदौर। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान समय में मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदबीन पटेल ने एक बार सुर्खियां बटोरने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शहरी इलाकों में महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करना चाहती क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि इससे उनके शरीर का फीगर खराब हो जाएगा। आनंदीबेन ने यह बयान देते समय यह कत्तई नहीं सोचा कि वे खुद एक महिला हैं।

इंदौर में मायाखेड़ी में एक आंगनवाड़ी केंद्र के समारोह में भाग लेने के दौरान बुधवार को आनंदीबेन ने कहा कि इन दिनों शहरों में महिलाएं बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि उनके शरीर का फीगर बिगड़ जाएगा। बच्चे को जन्म के बाद बोतलों से दूध पिलाया जाता है। जैसे ही बोतलें टूट जाती हैं, एक दिन उनकी ‘नसीब’ भी टूट जाएगा।” ।

समारोह की शुरुआत से पहले पटेल ने अपने सुरक्षा गार्ड़ों को निर्देश दिया कि दर्शक दीर्गा में बैठी महिलाओं के सामने न खड़े होकर पीछे की तरफ जाने के लिए कहा।

राज्यपाल ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ खुद को पंजीकृत करने की सलाह दी।

उन्होंने महिलाओं से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया।

आपको बता दें, मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन हमेशा कुछ न कुछ ऐसा बोलती रहती हैं, जिससे वे सुर्खियां बटोरती रहती हैं। अभी पिछले दिनों इन्होंने आंगनवाड़ी के एक कार्यक्रम में कुछ इसी तरह का बयान दिया था। जिसमें इन्होंने कहा था कि आप सबको पता है न कि नरेंद्र मोदी ने शादी नहीं की है। इसके बाद भी वे आप लोगों की समस्याओं के बारे में कितना सोचते हैं।

आनंदीबेन के इस बयान पर नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन का बयान आय़ा था कि आनंदीबेन की बातें बिल्कुल गलत हैं। नरेंद्र मोदी ने मुझसे शादी की है और वे मेरे लिए राम हैं।

इसके पहले भी आनंदीबेन ने सरकार के समर्थन में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों को सरकारी योजनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन हमारे ऊपर पड़ता है। क्योंकि हमें वोट चाहिए होता है।

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