पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो परीक्षा अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देकर न सिर्फ मोटी रकम लेते थे बल्कि परीक्षा में पास करने और नौकरी लगने की गारंटी भी लेते थे। पकडे गए सभी मुन्ना भाइयों के पास से 13 मोबाइल , 97 हजार रूपये नगद , फर्जी आधार कार्ड , फर्जी प्रवेश पत्र , फर्जी वोटर कार्ड , बायोमेट्रिक जैल , साबुन की टिक्की और गोंद भी बरामद हुआ है। पुलिस हिरासत में आये मुन्ना भाइयों में एक पुलिस कर्मी और पुलिस महकमे का एक क्लर्क भी शामिल बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी भर्ती परीक्षा टीडीएस कम्पनी द्वारा आयोजित कराई गई है। पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए सहारनपुर में भी 33 परीक्षा केंद्रो पर परीक्षा कराई गई। दो दिन तक चली चार पालियो में 72 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी और मुन्ना भाइयो के पहुँचने पर रोक लगाने के लिए एसटीएफ की ओर से तमाम बंदोबस्त किये गए थे। लेकिन पेपर सॉल्व गैंग न सिर्फ पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की जगह सहारनपुर के विभिन्न केन्द्रों में उपस्थित हुए बल्कि परीक्षा के पेपर सॉल्व करके बाहर आए। डीआईजी शरद सचान ने बताया कि थाना सदर बाजार और क्राइम ब्रांच को सुचना मिली थी कि पेपर सॉल्व गैंग रेलवे रोड पर उत्तम गेस्ट हाउस में रुका हुआ है।
परीक्षा देकर लौट रहे थे
सुचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर मौके से 8 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इसी बीच इनके तीन साथी भी मौके पर पहुंच गए जिन्हे पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया। पुलिस ने इनके पास से 3 मोबाइल, 97 हजार रूपये नगद, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी प्रवेश पत्र, फर्जी वोटर कार्ड, बायोमेट्रिक जैल, साबुन की टिक्की और गोंद भी बरामद किये हैं। पुलिस पूछताछ में पेपर सॉल्व गैंग के सरगना मनीष राणा ने बताया कि इन लोगों ने पुलिस में भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों से उनके पेपर में खुद परीक्षा देने की सौदेबाजी करते थे। इसके लिए 4 से 6 लाख रूपये में पेपर सॉल्व करने का ठेका लेकर पास करने की जिम्मेदारी लेते थे। जिसके लिए ये लोग कुछ धन राशि एडवांस भी लेते थे, जबकि बाकी रकम परीक्षा परिणाम आने और पुलिस में नौकरी मिलने के बाद लेने की तय करते थे।
बायोमेट्रिक मशीन को देते थे धोखा
डीआईजी शरद सचान ने बताया कि यह गैंग दिन में चलाई चारो पालियो में करीब 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे चुके थे, लेकिन इस दौरान न तो इन्हे बायोमेट्रिक मशीन मशीन पकड़ पाई और ना ही चेकिंग के दौरान फर्जी आधार कार्ड, प्रवेश पत्र और वोटर कार्ड से ही पकडे गए। यह गैंग इतना शातिर है कि परीक्षा देने से पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर लेता था। चेकिंग के दौरान प्रवेश पत्र और आधार कार्ड पर नाम पता तो असली अभ्यर्थी का होता था लेकिन फोटो परीक्षा देने वाले मुन्ना भाई की लगी होती थी। जिससे परीक्षा कक्ष में सभी चीजे आसानी से मैच हो जाती। इतना ही नहीं ये लोग बायोमेट्रिक मशीन को धोखा देने के लिए असली अभ्यर्थियों के अंगूठे पर गोंद की पतली लेयर लगा लेते, इसके बाद लेयर पर लिए गए अंगूठे के निशान को साबुन की टिक्की पर उतार लेते थे। उसके बाद ये लोग उस निशान को अपने अंगूठे पर लेकर बायोमेट्रिक मशीन पर लगाते थे। जिसके चलते बायोमेट्रिक मशीन भी उन्हें पकड़ नहीं पाती थी। जिसके चलते ये लोग आसानी से परीक्षा में बैठ कर पेपर सॉल्व कर आते बल्कि अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल लेते थे। डीआईजी ने बताया कि इस गैंग में पुलिस महकमे के दो कर्मचारी भी शामिल है। अभियुक्तों के खिलाफ संबधित धाराओं कर जेल भेजा जा रहा है
हिंद न्यूज टीवी के लिए सहारनपुर से जोंगिदर कल्यान