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बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन टूटा, महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

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भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी का गठबंधन टूट गया है। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राम माधव ने कहा की भारत की सुरक्षा और अखंडता के बड़े हित को ध्यान में रखते हुए बीजेपी मे यह फैसला लिया हैं। बीजेपी कोटे के सभी मंत्रीयों ने अपना इस्तीफा दे दिया हैं। वहीं इस  गठबंधन से बीजेपी के अलग होने के बाद पीडीपी के प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा कि, “हमने बीजेपी के साथ सरकार चलाने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। यह हमारे लिए आश्चर्य की बात है क्योंकि हमारे पास उनके फैसले के बारे में कोई संकेत नहीं था”

बीजेपी ने सरकार से अपने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है। बीजेपी की ओर से राज्यपाल शासन की मांग की गई है। बीजेपी ने यह कदम तब उठाया हैं जब आज दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात हुई थी। फैसले की जानकारी देते हुए बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि, “हमने गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर के तीन साल के कामकाज, सभी एजेंसियों से राय लेकर ये फैसला किया है। जिसके बाद ये तय हुआ है कि बीजेपी अपना समर्थन वापस ले रही है। राम माधव ने प्रेस काफ्रंस के दौरान कहा कि तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थी जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था। लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था।”

बीजेपी के ऐलान के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं शाम 4 बजे पीडीपी की बैठक बुलाई गई है। वहीं शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि,’ यह गठबंधन राष्ट्र विरोधी और अप्राकृतिक था। हमारे पार्टी अध्यक्ष ने कहा था, यह गठबंधन काम नहीं करेगा। अगर वे इसके साथ जारी रहे तो उन्हें 201 9 के लोकसभा चुनाव में जवाब देना होगा।’

राम माधव ने कहा कि जो हालात बन रहे थे, उससे घाटी में फंडामेंटल राइट्स खतरे में आ रहे थे।घाटी में आतंकवाद, हिंसा और कट्टरपंथीकरण बढ़ा हैं और नागरिकों के मौलिक अधिकार खतरे में हैं। पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या इसका उदाहरण हैं।

भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी का गठबंधन टूटा गया हैं। बीजेपी ने यह कदम तब उठाया हैं जब आज दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात के बाद किया हैं। इससे पहेल से ही यह खबरे आ रही थी की बीजेपी कश्मीर में कुछ बड़ा ऐलान कर सकती हैं। और ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब घाटी में धारा 370 पर ऐक्शन होगा।

आज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने उनके आवास पर मुलाकात की। खबरों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान अमित शाह और डोभाल के बीच जम्‍मू-कश्‍मीर के मौजूदा हालात तथा अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका को लेकर बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की।

ईद के बाद गृह मंत्रालय ने सेना को ऑपरेशन ऑल आउट फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है। ऐसा बतया जा रहा हैं कि आने वाले दिनों में सेना की कार्रवाई और तेज होगी। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह राज्य में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्री द्वारा आक्रामक कार्रवाई शुरू करने से पहले जम्मू कश्मीर मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों की राय लेना चाहते हैं।

वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बीच हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक रंग भी ले लिया हैं। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक के बाद सवाल उठाते हुए कहा कि,” हम जानना चाहते हैं, देश जानना चाहता है कि जब एनएसए राजनीतिक दल के मुखिया से मिले तो क्या वार्ता हुई? एनएसए केवल सत्तारूढ़ पार्टी से क्यों मिले, वह सभी राजनीतिक दलों से क्यों नहीं मिलते ?”

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