बेंगलुरु। श्रीराम सेने (एसआरएस) के अध्यक्ष प्रमोद मुथलिक ने एक विवादित बयान दिया है, प्रमोद के इस बयान से तहलका मच गया है। श्रीराम सेने के मुखिया ने पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की मौत की तुलना कुत्ते से की है, जिससे विवाद गहरा गया है।
रविवार को यहां एक सभा को संबोधित करते हुए मुथलिक ने आलोचकों से पूछा कि किसी ने भी पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों में चार पत्रकारों की हत्या पर सवाल क्यों नहीं उठाया?
किसी ने भी कांग्रेस सरकार की विफलता पर सवाल नहीं उठाया। इसके बजाय, वे पूछ रहे हैं कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी क्यों चुप हैं और गौरी लंकेश की मौत पर बात नहीं कर रहे हैं। कई चाहते थे कि प्रधानमंत्री मोदी गौरी लंकेश की मौत के बाद प्रतिक्रिया दें। अगर कर्नाटक में किसी कुत्ते की मौत हो जाए तो पीएम मोदी को प्रतिक्रिया क्यों देनी चाहिए?
इसके अलावा, उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि परशुराम वाघमारे, जो लंकेश हत्या मामले में मुख्य आरोपी हैं, एसआरएस से जुड़े नहीं थे। इससे पहले, मुथलिक के साथ वाघमारे की एक तस्वीर सामने आई थी, जिससे भारी हंगामा मचा था।
मुथलिक ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि श्रीराम सेने का परशुराम वाघमारे से कोई संबंध नहीं है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने क्या कहा है? ऐसे कई लोग हैं जो मेरे साथ फोटो पर क्लिक करते हैं, सिर्फ फोटो क्लिक करके कोई एसआरएस कार्यकर्ता नहीं बन जाता।
इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि हत्या के मामले में जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दायर की जाएगी।
परमेश्वर ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा कि मैं इस मामले में कुछ भी नहीं कहना चाहता, क्योंकि जांच चल रही है, मैं इस तरह का कोई बयान देकर जांच प्रभावित नहीं करना चाहता है। जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दायर की जाएगी और कानून की और प्रक्रिया होगी।
12 जून को, एसआईटी ने कर्नाटक के सिंधगी शहर में वाघमारे को गिरफ्तार कर लिया, जिस पर गौरी लंकेश की हत्या पर शक है।
इसके अलावा इस मामले में पांच व्यक्तियों केटी नवीन कुमार उर्फ हॉटटे मांजा, अमोल काले, मनोहर एडवे, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण और अमित देवेकर को गिरफ्तार किया गया था।
5 सितंबर, 2017 को उनके बेंगलुरु निवास के बाहर गौरी लंकेश को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।