मुंबई। शिवसेना ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में हत्या की हाल की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई और घाटी में खून-खराबे के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ रमजान के पवित्र महीने के दौरान अभियान रोकने के फैसले को गलत ठहराते हुए केंद्र पर जमकर हमला किया और पाकिस्तान पर भारत के गलत फैसले का अनुचित लाभ लेने का आरोप लगाया।
अपने संपादकीय में आगे बताया कि सरकार को कश्मीर में रमजान के पवित्र महीने में आतंकवादियों द्वारा शुरू किए गए खून-खराबे के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। हमारी सरकार ने पवित्र माह का सम्मान किया और कहा कि इस पवित्र माह में हमारी तरफ से किसी भी तरह का हमला नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा कभी नहीं किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश की रिपोर्ट पर प्रहार करते हुए शिवसेना ने कहा कि पीएम की सुरक्षा को तो बढ़ा दिया गया, लेकिन घाटी में जहां लोग रोज़ाना अपना जीवन खो रहे हैं, उसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया।
साथ ही शिवसेना ने कश्मीर घाटी पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को “बकवास” बताया और कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को धब्बा लगा है।
उन्होंने कहा कि इतने सारे स्थानों पर जाने के बाद भी, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों पर कोई देश हमारे द्वारा खड़े होने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के इतने सारे देशों की यात्रा का क्या फायदा है?
शिवसेना ने कहा कि घाटी की स्थिति पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी के समय से भी बदतर है।
हाल ही में, राइजिंग कश्मीर समाचार पत्र के संपादक शुजात बुखारी को श्रीनगर में प्रेस कॉलोनी में आतंकवादियों ने गोली मार दी।
उसी दिन, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के आतंकवादियों द्वारा अपहरण किए गए सेना जवान औरंगजेब के बुलेट-सवार शरीर को गुसु क्षेत्र से बरामद किया गया था।