कानपुर। जहां एक ओर सूबे के मुखिया स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखने का दम्भ भर रहे हैं, वहीँ दूसरी ओर ये तस्वीरें उनकी साख पर बट्टा लगाने का काम कर रही हैं। कानपुर में एक बार फिर से पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता उस समय सामने आई। जब कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दो यात्रियों की मौत के बाद उनके शवों को जीआरपी जवान एम्बुलेंस न होने पर टेम्पो में खुले लादकर पोस्टमार्टम भेज रहे थे।
इस बाबत पर जब स्वास्थ्य विभाग और जी आर पी के अधिकारियों से बात की गई तो पहले सभी ने मना किया और बाद में एम्बुलेंस व्यस्त होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
आपको बता दें कि कानपुर रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है,जहां रेलवे प्रशासन ने सुध न लेते हुए दो शवों को एम्बुलेंस न होने की बात कहकर दो शवों को टेम्पो पर लदवा दिया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जब इस बारे में शवों को ले जाने आए परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने एम्बुलेंस के लिए रेलवे प्रशासन से कहा था लेकिन इनके पास एम्बुलेंस नहीं थी। जिसके बाद शवों को टेम्पो से ले जा रहे है।गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के मातहतों ने पिछले दिनों कुछ इसी तरह एम्बुलेंस होने के बाद भी उर्सला में एक शव को ठेले पर ले जाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। ऐसे में ऐसी संवेदनहीनता स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का नतीजा है जो इस तरह से बार-बार शवों को कभी ठेलों पर तो कभी रिक्शा पर तो कभी टेम्पो पर ले जाया जा रहा है। ऐसे में ऐसी संवेदनहीनता बार बार सामने आ रही है और स्वास्थ्य विभाग हाथ पे हाथ धरे बैठे हुआ है। ऐसे में एक बात तो यह साफ हो गयी कि शहर की स्वास्थ्य सेवाएं ठेले व टेम्पो तक सीमित होकर रह गयी है।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए कानपुर से राघवेंद्र सिंह]