मुज़फ्फरनगर। करगिल युद्ध में लांसनायक शहीद बचन सिंह के पुत्र हितेश रोहल ने 24 साल की उम्र में पिता का सपना पूरा करने के लिए दो राजपुताना राइफ़ल बटालियन में लेफ्टिनेंट बना।
सन 1999 में भारत पाकिस्तान के करगिल युद्ध में भारत ने विजय तो प्राप्त की, लेकिन कईं जवानों के लहू से करगिल की धरती लाल हो गयी थी। शायद आज उन वीर शहीदों के कारण ही हम इस स्वतंत्र भारत में सांस ले पा रहे हैं। देश के लिए शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों में एक जवान शहीद बचन सिंह पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के गांव पचैन्डा कलां से भी थे। शहीद बचन सिंह अपने पीछे अपनी पत्नी और दो पुत्रों को छोड़ गए थे। बचन सिंह के शहीद होनें के बाद उनकी पत्नी नें अपने बड़े बेटे हितेश रोहल को भी आर्मी में भेजनें की ठानी।
हितेश की पांचवी की पढ़ाई मुज़फ्फरनगर के सनातन धर्म स्कूल में हुई। उसके बाद उनका दाख़िला “राष्ट्रीय मिल्ट्री स्कूल” चैल शिमला, हिमाचल प्रदेश में हुआ वहां उन्होंने दसवीं की पढ़ाई की। 11th और 12th की पढ़ाई राष्ट्रीय मिल्ट्री स्कूल बेलगाम कर्नाटक में हुई। स्नातक उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स नई दिल्ली से की हैं। हितेश बतातें हैं कि 12 वीं में ही उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी लिखित परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन वह अग्रामी प्रक्रिया में सफल नही हो सकें। उसके बाद उन्होंने 2016 में मई तक अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और जून माह में संयुक्त रक्षा सेवा की लिखित परीक्षा व साक्षत्कार को पास किया। अक्टूबर 2016 में हितेश रोहल अपनी 18 माह की ट्रेंनिग के लिए इंडियन मिल्ट्री एकेडमी देहरादून चलें गए और 10 जून 2018 को उन्होंने अपनी पासिंग आउट परेड़ कर लेफ्टिनेंट पद आश्रित होकर अपनी मां के सपने को पूरा किया।
हिंद न्यूज से ख़ास बातचीत में हितेश रोहल ने बताया कि नेशनल डिफेंस एकेडमी मैं निराशा हाथ लगने पर उनकी मां ने उनकों बहुत स्पोर्ट किया। साथ ही बताते हैं कि हमेशा पढ़ाई से लेकर जीवन के छोटे-बड़े फ़ैसले को लेने में उनका मार्गदर्शन की आज उनकी सफ़लता का राज हैं। हितेश अपने पिता को अपना आदर्श मानतें हैं। उनका कहना हैं कि उनके पिता शहीद बचन सिंह भारतीय सेना में तो थें ही साथ ही उनके देश के प्रति जो भाव थें, उनसे वो बचपन से ही बहुत प्रेरित होते थें। हितेश भी अपने पिता की तरह देश ले लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं। देश की सेवा करने के लिए ही लेफ्टिनेंट बनें हैं। जिस बटालियन में हितेश लेफ्टिनेंट बनें, उनके पिता की भी यही बटालियन थी।
हितेश का युवाओं के लिए कहना हैं कि आज युवा अपने माता-पिता के संघर्ष को समझें, और उनकी और देश की सेवा करें। ये जरूरी नही हैं कि केवल फ़ौज में जाकर ही देश की सेवा हो सकती हैं, आप किसी भी क्षेत्र में चाहे वह खेल हो या शिक्षा। बस इस देश को विश्वशक्ति बनानें में योगदान युवा का जरूर होना चाहिए। जिला मुज़फ्फरनगर में शहीद बचन सिंह की याद में समर्पित शहीद बचन सिंह चौक, शहीद बचन सिंह कॉलोनी, शहीद बचन सिंह पेट्रोल पंप, व भारतीय खेल प्राधिकरण से अनुबंधित शहीद बचन सिंह कुश्ती अखाड़ा उनकें पैतृक गांव पचैन्डा कलां में बना हुआ हैं
हिंद न्यूज टीवी के लिए मुज़फ्फरनगर से चौधरी नितिन रोहल
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