नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को दावा किया कि अंतर्राष्ट्रीय पेय ब्रांड कोका-कोला के संस्थापक शिकंजी बेचते थे।
राष्ट्रीय राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि कोका-कोला के संस्थापक कौन थे? कोका-कोला के संस्थापक कभी शिकंजी बेचते थे।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि कोका-कोला की स्थापना अमेरिकी फार्मासिस्ट जॉन पेम्बर्टन ने 1886 में की थी, जब उन्होंने सोडा-फाउंटेन पेय तैयार किया जो बाद में कोका कोला पेय बाजार में बन गया।
कांग्रेस प्रमुख ने आगे दावा किया कि लोकप्रिय अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैकडॉनल्ड्स के मालिक पहले ‘ढाबा’ (रोडसाइड रेस्तरां) चलाने के लिए इस्तेमाल करते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि पीएम ने यह झूठ बोला कि ओबीसी समुदाय में कौशल की कमी थी।
राहुल ने कहा कि ओबीसी वर्ग में कौशल की कोई कमी नहीं है। वे कौशल से भरे हुए हैं। बैंक हमारे किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए क्यों नहीं खुलते हैं? ओबीसी समुदायों के बीच कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन पास पैसे की कमी है। उनके पास पूंजी नहीं है। उन्हें धन मुहैया करवाइए, वे अपना काम खुद करने लगेंगे।
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार की रणनीति स्पष्ट है। देश के 15-20 पूंजीपति प्रधानमंत्री मोदी को हजारों करोड़ देंगे और सारे लाभ केवल उन 15-20 लोगों को मिलेंगे।
पीएम से हर कोई बात करने से डरता है। यहां तक कि सांसद भी बात करने से डरते हैं। उनमें से ज्यादातर को तो बात करने की इजाजत ही नहीं है और हम आप जो बोलते हैं, सरकार उसे सुनती ही नहीं। केवल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सुनवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि आज हमारा राष्ट्र दो से तीन भाजपा नेताओं और आरएसएस का गुलाम बन गया है।
सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ अपने बात को जारी रखते हुए राहुल ने कहा कि केंद्र ने देश में दो करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि आठ वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। आज हमारे प्रधानमंत्री रोजगार और कौशल की बात नहीं करते हैं।
राहुल ने यह भी बताया कि पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस हमेशा ओबीसी समुदाय के लिए आगे खड़ी थी, और उनके अधिकारों की लड़ाई को जारी रखेगी।