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लालू की राजनीतिक विरासत को लेकर दोनों बेटे आए आमने-सामने

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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछे के “चुग्लों” को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं। राधे राधे।”  लालू के बेटे तेज प्रताप यादव के इस ट्वीट के बाद मानों बिहार के साथ साथ देश कि राजनीति में भूचाल आ गया। सबको लगने लगा की आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में सत्ता का संघर्ष शुरू हो चुका है। और लालू के बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पार्टी पर अपना कब्जा जमाने को लेकर आमने-सामने है।

मीडिया में आ रही खबरों की माने तो तेज प्रताप और तेजस्वी यादव में आरजेडी के अगले प्रदेश अध्यक्ष को ठन गई है। तेज प्रताप राजेंद्र पासवान को पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, वहीं तेजस्वी यादव पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है। जिसके बाद से कयास लगाए जाने लगे की दोनों भाईयों में सब कुछ ठीक नहीं तल रहा है। दरअसल, शानिवार को  तेज प्रताप यादव ने एक ट्वीट किया था।  इसमें उन्होंने खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताया था।

तेजप्रताप के इस तेजस्वी ने फिर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘आरजेडी और गठबंधन सहयोगियों के सामने साल 2019 के लिए एक नई सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन हम उन असामाजिक तत्वों से सावधान रहना है, जो इस एकता में सेंध लगाना चाहते हैं।’

वहीं कुछ लोग तेजप्रताप के इस ट्वीट के अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि तेजप्रताप,  राजनीति में अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को ही आगे करना चाहते हैं। क्योंकि तेजप्रताप ने अपने ट्वीट में तेजस्वी को मगध की बजाय हस्तिनापुर की गद्दी दिलवाने की बात कही हैं। ऐसे में उनका इशारा 2019 में होने वाले आम चुनाव और दिल्ली की गद्दी की तरफ तो नहीं हैं।

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