मेरठ। मेरठ की बेटी प्रिया सिंह (19) को 50 मीटर रायफल शूटिंग को चयनित किया गया है जो 22 जून से जर्मनी में शुरू होने जा रहा है। इसका आयोजन आइएसएसएप द्वारा किया जा रहा है। प्रिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जर्मनी की यात्रा और रहने-खाने के लिए आर्थिक मदद की मांग की है।
प्रिया का कहना है कि वह रायफल शूटिंग जूनियर वर्ल्ड कप में भाग लेना चाहती है, लेकिन इसके लिए 3-4 लाख रुपये खर्च होंगे। मेरे पिताजी एक मजदूर हैं। वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे ऐसा करने में असमर्थ हैं।
मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी को पत्र लिखी हूं। इसके अलावा मैं खेल मंत्री से भी मिलने के लिए दो बार गई, परंतु उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
वहीं, प्रिया के पिता ब्रिजपाल सिंह का कहना है कि मैंने विधायक, मुख्यमंत्री, खेल मंत्री और प्रधानमंत्री से प्रार्थना की, लेकिन आज तक किसी से कोई जवाब नहीं मिला है। अगर सरकार से ममद नहीं मिलती है तो मैं उसके लिए व्यवस्था कर रहा हूं। मैंने अपनी भैंस बेच दी, अपने दोस्तों से कर्ज लिया है और मैं अपनी बेटी को जर्मनी जरूर भेजूंगा।
इसी बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि जैसे मुझे मेरठ की बेटी का पत्र प्राप्त हुआ, तो मैंने तुरंत ही साढ़े चार लाख रुपये की सरकारी सहायता के लिए मंजूरी दे दी। साथ ही मेरठ के जिलाधिकारी को उसके आने-जाने की व्यवस्था करने के लिए बोल दिया गया है।
प्रिया को मिला योगी का स्वीकृित पत्र
मुख्यमंत्री योगी का स्वीकृति पत्र प्रिया को मिल गया है। अब वह आसानी से जर्मनी में होने वाले शूटिंग वर्ल्ड कप में भाग ले पाएगी।
प्रिया के भाई ने योगी को कहा शुक्रिया
जूनियर शूटर प्रिया सिंह के भाई उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को आर्थिक सहायता देने के लिए शुक्रिया किया है। प्रिया के भाई अनिकेत गौतम ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हम लोग बहुत गरीब हैं। अगर पैसे की मदद न मिली होती तो हमारे ऊपर बहुत कर्ज हो जाता और फिर हम उसको कहां से अदा करते।
प्रिया ने भी किया योगी का शुक्रिया
जूनियर रायफल शूटर प्रिया सिंह जो जर्मनी में शूटिंग वर्ल्ड कप में अगुआई करने वाली हैं, सरकार से आर्थिक सहायता मिलने योगी और एएनआई का शुक्रिया किया है। अब मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है कि अब मैं देश के लिए मेडल जरूर जीत कर लाऊं।
गौरतलब है कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अगर उन्हें सरकारी समर्थन मिले तो ऐसी प्रतिभाये प्रदेश और देश का नाम रोशन करती हैं। सरकारों को ऐसी प्रतिभाओं के लिए कुछ जरूरी कदम उठाना चाहिए। ताकि उनके हौसले बुलंद रहें और वे बिना किसी चिंता और परवाह के अपने खेल में मन लगाकर निरंतर अभ्यास करते रहें।