हरियाणा से खेलों में लगातार देश का नाम रोशन किया जा रहा हो मगर यहां के खिलाडिय़ों के लिए एक बुरी खबर आ गई है।सरकार ऐसे खिलाडिय़ों को चिन्हित कर रही है जो सरकार से वेतन भी लेते हैं और कर्मशियल ऐक्टिविटी में भाग भी लेते हैं यानी जिन्हें दोनों तरफ से मोटे पैसे मिल रहे हैं।अब सरकार का फरमान है कि ऐसे खिलाडिय़ों को जो कर्मशियल ऐक्टिविटी से पैसा बना रहे हैं उन्हें पूरा का पूरा पैसा खेल विभाग को देना होगा।सिर्फ इन्हें ही नहीं जो सरकार से पैसा नहीं ले रहे हैं उन्हें भी अपनी व्यवसायिक खेल ऐक्टिविटी का एक तिहाई हिस्सा स्पोर्ट्स काउंसिल ऑफ इंडिया को देना होगा।इस मसले पर खेल मंत्री अनिल विज ने बताया कि यह नियम पहले से ही लागू है।मगर इसको पहले से लागू नहीं किया जा रहा था।
सरकार ने भले ही यह काम सरकारी खजाने में खिलाडिय़ों की आमदनी डालने की कोशिश की हो मगर यह मामला इतना सहज भी नहीं है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि कोई भी खिलाड़ी इसको मानने को तैयार नहीं होगा।क्योंकि जो खिलाड़ी सरकार से पैसा नहीं ले रहा उसे पैसा देना भारी पड़ेगा।
बताते चलें कि पूरे देश में हरियाणा एक मात्र प्रदेश है जहां से सबसे ज्यादा खिलाड़ी आते हैं।हरियाणा के खिलाडिय़ों में लगभग हर खेल के प्लेयरों का नाम दर्ज है।
बॉक्सर विजेंद्र कुमार सरकार में डीएसपी पद पर तैनात हैं।वह कर्मशियल बॉक्सिंग में भी हाथ आजमा रहे हैं।इसके अलावा बिजेंद्र विज्ञापनों में भी दिखाई देते हैं।यह नियम लागू होने से उन पर पैसों की अदायगी बढ़ जाएगी।इनके अलावा हॉकी खिलाड़ी ममता खरब,क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा जैसे कई बड़े बड़े नाम हैं जो सरकारी विभाग में कार्यरत हैं।ऐसे ही डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुलिस विभाग में व इतनी ही संख्या अन्य विभागों में खिलाडिय़ों की है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक