लखनऊ। यहां के निवासी अभिषेक गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसपी गोयल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पहले उससे अप्रत्य़क्ष रूप से रिश्वत मांगी, फिर उसके बाद उन्होंने सीधे तौर पर मुझसे 25 लाख रुपये की मांग की। अभिषेक गुप्ता ने पेट्रोल पंप सेटअप करवाने के लिए उनसे संपर्क किया था। अब इस व्यक्ति को गिरप्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि यूपी के प्रमुख सचिव एसपी गोयल द्वारा 25 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप का पता तब चला था, जब बीते 30 अप्रैल को यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने इस मामले की जांच की सिफारिश पत्र लिखकर सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन अब उन्हीं के प्रमुख सचिव एसपी गोयल भ्रष्टाचार के आरोप के घेरे में हैं। उनपर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है।
बताया जा रहा है कि प्रमुख सचिव पर घूस मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता हरदोई में एक पेट्रोल लगाना चाहते थे। पेट्रोल पंप के लिए उन्होंने मेन सड़क के पास जमीन के लिए प्रशासन के पास अर्जी दी थी। अभिषेक गुप्ता की अर्जी को लेखपाल, एसडीएम और एडीएम तक ने मंजूरी दे थी। आरोप है कि जब फाइल सीएम दफ्तर तक पहुंची तो प्रमुख सचिव ने अभिषेक का प्रस्ताव खारिज कर दिया।
अब हैरानी की बात यह है कि जिस शख्स ने प्रमुख सचिव पर घूस मांगने का आरोप लगाया है, सरकार और बीजेपी उसी को जेल भिजवाने की तैयारी में हैं। प्रमुख सचिव पर घूस मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता के खिलाफ 7 जून की रात को लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआइआर दर्ज की गई है।