नई दिल्ली। इन दिनों कैथोलिक समुदाय की तरफ से आय़े दिन कोई न कोई बयान आ रहे हैं, जिसमें वे इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि देश में भय का वातावरण पैदा हो रहा है। अधिकाशं लोगों में डर पनप रही है। कैथोलिक बिशप कांफ्रेस ऑफ इंडिया के जनरल सेक्रेटरी बिशप थियोडोर ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार डर के लिए जिम्मेदार है। लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी हो रही हैं जिससे चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो हमारे खिलाफ बोल रहे हैं और कर रहे हैं।
आपको बता दें कि बिशप थियोडोर का यह बयान गोवा आर्क बिशप के उस बयान के बाद आया है जिसमें उनहोंने कहा था कि हमारे देश का संविधान खतरे में है और लोगों में असुरक्षा की भावना है। बिशप ने पत्र जारी करके यहा था देश में अधिकांश लोगों में असुरक्षा की भावना पनप रही है। उन्होंने इसकी रक्षा करने का प्रयास करने का आह्वान किया था। इस संदर्भ में, विशेष रूप से आम चुनाव आ रहे हैं, हमें अपने संविधान को बेहतर तरीके से जानने और कठिन परिश्रम करने का प्रयास करना चाहिए इसे संरक्षित करना चाहिए।
गौरतलब है कि आर्कबिशप फेराओ का यह पत्र दिल्ली के आर्कबिशप अनिल कोउटो के एक सप्ताह बाद आया था, जब उन्होंने ईसाई समुदाय से शुक्रवार को उपवास का निरीक्षण करने और राष्ट्र के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा था।
इससे पूर्व भी कई ऐसे बयान आए हैं जिसमें यह कहा गया था कि देश में भय का वातावरण है। जिसमें बॉलीवुड से लेकर साहित्य जगत की तमाम हस्तियों ने अपनी आवाज उठाई थी और कई लोगों ने सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कारों तक को वापस कर दिया था। पादरियों के इस तरह के बयानों से यह लग रहा है कि ये लोग भी उनके ही पद चिन्हों पर चल रहे हैं जो पूर्व में हो चुका है। पहले की घटनाएं उस समय की हैं जब नरेंद्र मोदी सत्ता में आए ही थे और ये बयान उस समय आ रहे हैं जब मोदी के कार्यकाल को महज एक साल बचे हैं।