बागनन। पश्चिम बंगाल में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी भाजपा कार्यकर्ता की हत्या होती है तो आरोप टीएमसी पर लगाए जाते हैं और जब टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या की जाती है तो आरोप भाजपा पर लगाए जाते हैं कि ये हत्या भाजपाई करवा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ता की हत्या के तीन दिन बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के बागनन शहर में अज्ञात हमलावरों द्वारा एक अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता को गोली मार दी गई। घटना के बाद, टीएमसी ने हमले का आरोप भाजपा पर लगाया है।
पुलिस के अनुसार, महासागर खान नाम के एक व्यक्ति को कल देर रात गोली मार दी गई थी, जब उसकी पहचान की गई तो पता चला कि वह टीएमसी का कार्यकर्ता है। वह अपने घर जा रहा था।
50 वर्षीय खान, जो दो साल पहले टीएमसी में शामिल हो गए थे, पहले कांग्रेस के साथ थे। उनकी पत्नी ने हाल ही में पंचायत चुनाव भी जीता है।
पिछले हफ्ते, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं के लिए टीएमसी पर आरोप लगाया था। भाजपा के दो कार्यकर्ताओं दुलल कुमार और त्रिलोचन महातो ने पुरुलिया जिले के बलरामपुर में फांसी के फंदे से लटके हुए पाये गए थे।
कुमार का मृत शरीर को 2 जून को एक खंभे से लटका हुआ पाया गया था, जबकि 30 मई को महतो को एक पेड़ से लटका पाया गया था।
बता दें, पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार है। ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। ममता बनर्जी नहीं चाहती हैं कि भारतीय जनता पार्टी वहां पर मजबूत हो और संघ अपना पांव पसारे। इसलिए टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समय-समय पर जंग होती रहती है। कभी यह खबर आती है कि आज टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपाइयों पर हमला किया तो कभी यह खबर आती है कि आज भाजपाइयों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। भाजपा की कोशिश है कि वह किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल में अपनी स्थिति को मजबूत करेगी।