भारत एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है, यहां सभी धर्मो को समान अधिकार मिला है और वे सम्मान से जीने का हक भी रखते हैं, मगर बस्ती के एक हिंदू वादी नेता जी को यह पसंद नही। वे अपने गांव के दो मुस्लिम परिवार को लेकर काफी चिंतित है, इसके लिये उन्होने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति तक को पत्र भेजकर एक विवादित मांग की है। विश्व हिंदू महासंघ के कार्यकारिणी सदस्य दिग्विजय सिंह राना के मुताबिक मुस्लिम धर्म के लोग बेतहाशा बच्चे पैदा करते हैं जिस वजह से ट्रेनो, बसो और अस्पतालो मे अन्य को समस्या का सामना करना पडता है।
उदाहरण देते हुए नेता जी ने अपने गांव के दो मुस्लिम परिवार का जिक्र किया है, जिनके पास 12 से 13 बच्चे है, पत्र मे दिग्विजय ने बताया है कि गौर ब्लाक के ऐनपुर गांव मे यासीन के 12 बच्चे और बगल के गांव बेलसड मे रहने वाले जमील के 13 बच्चे है जो लगातार अब भी बच्चे पैदा करने का क्रम जारी रखे हुये हैं। इसके रोकथाम के लिए हिंदूवादी नेता ने सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द से जल्द लागू करने की मांग कि है। ताकि धर्म विशेष के लोगो का इस तरह से बच्चे पैदा करने पर रोक लग सके।
राना दिग्विजय ने यह भी उदाहरण दिया है कि जिन प्रदेश या देश मे मुस्लिम आबादी बढी है वहां के लोगो पर बहुत अत्याचार हुआ है, जैसे कश्मीर मे मुस्लिम आबादी बढी तो कश्मीरी पंडित को वहां से भाग जाना पड़ा। पश्चिम बंगाल मे भी हालात ऐसे ही है, यहां इस धर्म की आबादी बढी तो वहां रोज कत्लेआम हो रहे। भारत पाकिस्तान का बंटवारा भी इसी आबादी का ही नतीजा है, कहा कि भारत देश काफी समय तक इन्ही धर्म के लोगो का गुलाम था, अयोध्या के राम मंदिर विवाद, काशी मंदिर सहित देश के कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहां मुस्लिम धर्म के लोगो से विवाद पनपा है। इसलिये वे देश मे जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रक कानून को लागू करने के पझधर है और इस ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिये ये पत्र लिख रहे हैं।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव