नागपुर/नई दिल्ली। RSS ने कहा है कि जो लोग संघ को समझते और जानते हैं। वे यह बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि संघ हमेशा प्रमुख लोगों को ही समाज से जुड़े हुए कार्यों के लिए आमंत्रित करता है। इस बार हमने प्रणब मुखर्जी को हमने आमंत्रित किया है। वे हमारे देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं और उन्होंने हमारा आमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी आरएसएस के ओटीसी वर्ग के लिए नागपुर स्थित मुख्यालय जाएंगे जहां पर वो स्वंयसेवकों को संबोधित करेंगे। आपको बता दे की आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी का जननी संगठन के रूप में देखा जाता हैं जिस पर कांग्रेस लगातार यह कहकर हमले करती रहती हैं की देश के सभी संस्थानों पर आरएसएस अपनी मानसिकता थोप रहा हैं।
गौरतलब हैं की पिछले कुछ सालों से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बीच के संबंध अच्छे रहे हैं। प्रणब दा के राष्ट्रपति बनने के बाद मोहन भागवत को कई बार रायसीना हिल्स आने का न्योता मिला था, जहां दोनों लोगों के बीच भारत की सांस्कृतिक विरासत को लेकर कई घण्टों तक बातचीत हुई थी।
वहीं, संघ के विचारक राकेश सिन्हा पूर्व राष्ट्रपति के दौरे पर कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित करना और उनके द्वारा यह आमंत्रण स्वीकार करना एक महान संदेश है। ऐसा करके प्रणब दा ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो संघ के हिंदुत्व पर सवाल उठाते थे। प्रणब दा पिछले कई दशकों से राजनीति में रहे हैं।’
आपको बता दे, हर साल गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है, तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ मुख्यालय नागपुर में लगता है। तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही कोई स्वयंसेवक प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है। मिली जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में शामिल करीब 700 स्वयंसेवक उपस्थित होंगे, जिसमें मुख्य अतिथि को तौर पर प्रणब मुखर्जी शामिल होंगे।