नई दिल्ली। डीजल-पेट्रोल के दामों में लागतार 16वें दिन बढ़ोतरी हुई है। ईंधन की कीमतें एक और नई ऊंचाई बनाने में कामयोबी हासिल कर ली हैं। दिल्ली में पेट्रोल में 78.43 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 86.24 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।
दिल्ली में डीजल की कीमतें 69.31 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 73.79 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं। लोगों को अब यह लगने लगा है कि पेट्रोल के लिए अभी कितने दिन और बचे हैं कि अगर कोई सौ रुपये की नोट देता है तो उसको उसमें से कुछ वापस लेने की नौबत नहीं आएगी। यानि पेट्रोल की कीमतें बहुत जल्द सौ रुपये लीटर पर पहुंच जाएंगी।
इस बीच, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी की वजह से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के सीएनजी की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की।
दिल्ली में सीएनजी में 1.36 रुपये प्रति किलो और नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 1.55 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है।
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी से कोलकाता में गांधी मूर्ति में दोपहर में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की उम्मीद है।
आपको बता दें, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले जनता को आश्वासन दिया था कि सरकार जल्द ही स्थिति से निपटने के लिए एक कदम उठाएगी।
गौरलतब है कि यही भाजपा के नेता 2014 के पूर्व जब पेट्रोल -डीजल के भाव बढ़ते थे तो धरना -प्रदर्शन पर उतर आते थे और कहते थे कि जैसे ही हमारी सरकार आएगी हम ईंधन की कीमतों में तुरंत कटौती कर देंगे।
यही नहीं 2014 के चुनाव से पूर्व पीएम ने नारा दिया था। बहुत महंगाई की मार। अबकी बार मोदी सरकार।।
क्या अब इस सरकार को यह नहीं लगता है कि आम आदमी यानि मध्यम वर्ग के लोग जिनकी कमाई कम होती है और अपने खर्च में से ईंधन भरवाते हैं ताकि बेहतर तरीके से आना-जाना हो सके। यह सरकार कितनी असंवेदनशील हो गई है कि ईंधन कीमतों को नियंत्रित नहीं कर रही है और दाम हर रोज बढ़ते ही चले जा रहे हैं।