अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर को लेकर उठा विवाद भले ही शान्त न हुआ हो लेकिन उनकी पत्नी का एक पत्र गांधी आई हास्पिटल में मिला है। 1938 में मुहम्मद अली जिन्ना एएमयू छात्रसंघ की मानद सदस्यता मिली थी, वहीं 1944 का पत्र जिन्ना की पत्नी का मिला है, जिसमें उन्होंने गांधी आई हास्पिटल की विजिट की थी। विजिटर बुक में मोहम्मद अली जिन्ना की बेगम की जिक्र है, हालांकि पत्नी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन नीचे रेड स्याही से वाइफ आफ मुहम्मद अली जिन्ना लिखा गया है।
दरअसल, शनिवार को गांधी आई अस्पताल के ट्रस्ट के अध्यक्ष जिलाधिकारी चद्रभूषण सिंह ने निरीक्षण किया था। इस दौरान ट्रस्ट के सचिव की तरफ से प्रतिष्ठित आगंतुको की फाइल दिखाई गई। इन विशिष्ट लोगों में मुहम्मद अली जिन्ना की पत्नी का नाम भी शुमार है। फाइल में लगे लेटर को जिलाधिकारी को दिखाया गया। पत्र में अस्पताल की प्रसंसा की गई हैं। जिन्ना की पत्नी ने उर्दू में लिखा हैं कि डॉ मोहन लाल के आंख के अस्पताल को देख कर बड़ी प्रसन्नता हुई। इंसान के लिए आंख की रोशनी बड़ा उपहार है, और जिस तरह डॉ मोहन लाल आँख के इलाज में व्यस्त है , देश के लिए उनकी यह सेवा तारीफ के काबिल है। वे जनता की मदद कर रहे है, वे प्रोत्साहन के हकदार हैं। जिन्ना की पत्नी ने आगे लिखा है कि मुझे उम्मीद है कि डॉ मोहन लाल के निर्माण का काम मुकम्मल होगा और डॉक्टर साहब अपने इरादे में सफल होंगे। आखिरी में उन्होंने बेगम मुहम्मद अली लिख कर दिनांक डाल दी है।
अस्पताल के लोगों का दावा है कि 1944 में मुहम्मद अली जिन्ना की पत्नी आई थी। अस्पताल प्रबंधक से नाम पूछने पर नहीं बता पाएं। हांलाकि पुराने दस्तावेज देख कर बताने के लिए कहा। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने जिन्ना की पत्नी का विजिट करने के दौरान लिखा गया पत्र करीने से संजो कर रखा है। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि सुभाष चंद्र बोस , राजेन्द्र प्रसाद व जवाहर लाल नेहरु के पत्र देख कर उनकी यादे ताजा कर रहा हूं, जिन्ना की पत्नी के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश की डिग्निटी यहां आई है, वे कही से भी हो , उन्होंने अस्पताल की तारीफ ही की है।उन्होंने कहा कि मैं इस ट्रस्ट का अध्यक्ष हूं तो गौरव महसूस कर रहा हूं।
डीएम चंद्र भूषण ने कहा कि ये एक विरासत है, और इसको आगे बढ़ाने का काम करना है। हालांकि जिन्ना की दो पत्नियों का जिक्र तो मिलता है , जिसमें पहली पत्नी इमीबाई जिन्ना है जिनका जन्म 1878 में हुआ और मौत 1893 में हो गई, वहीं रत्तनबाई जिन्ना जिनकी मौत 1929 में हो गई थी, और जिन्हें मपियम जिन्ना के नाम से भी जाना जाता है। बड़ा सवाल यह है कि 1944 में मुहम्मद अली जिन्ना की ये पत्नी कौन है, जो कि गांधी आई हास्पिटल में विजिट करने आई थी। इनका नाम क्या है। हालाकि अस्पताल की तारीफ में इन्होने बहुत कुछ कहा है, लेकिन इस पत्र को संजों कर रखने वाले गांधी आई अस्पताल को भी इतिहास प्रसिद्ध व्यक्ति से जुड़े रहस्य को खोजना पड़ेगा।
सन् 1928 में इस अस्पताल की नींव डा मोहन लाल ने रखी थी। तब अस्पताल का नाम मोहन लाल आई अस्पताल था लेकिन गांधी जी से प्रेरित हो कर 1931 में अस्पताल का नाम गांधी आई अस्पताल रख दिया गया। यहां देश के प्रतिष्ठित लोगों ने भ्रमण किया है।। नेता जी सुभाष चंद्र बोस,जवाहर लाल नेहरु ,गोविन्द बल्लभ पंत,विजय लक्ष्मी पंडित,जनरल के एम करियप्पा, डा राजेन्द्र प्रसाद , मोरार जी देसाई,चौ चरण सिंह, कल्याण सिंह आदि लोगों ने इस अस्पताल में अपने कदम रखे है।
हिंद न्यूज टीवी के लिए अजय कुमार