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फैजाबाद का देहरीयावन गांव बना हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल, 40 वर्षों से रहते हैं एक साथ

फैजाबाद का देहरीयावन गांव बना हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल, 40 वर्षों से रहते हैं एक साथ

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फैजाबाद। सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे के उदाहरण में फैजाबाद के देहरीयावन गांव में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग पिछले 40 वर्षों से शांतिपूर्वक एक साथ रह रहे हैं।

एक स्थानीय नागरिक, हाजी मोहम्मद वसीम ने एएनआई को बताया कि हम एक दूसरे के प्रार्थना के समय में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए एक दूसरे का भरपूर सहयोग करते हैं। हमारा नमाज का समय तय हो गया है और हमारे हिंदू मित्र हमें कभी परेशान नहीं करते हैं। आप हमारे गांव जैसी शांति कही नहीं पा सकते हैं।

बता दें, बीकापुर तहसील में गंगा जमुनी तहजीब में स्थित गांव में एक मंदिर और एक मस्जिद भी है, जो एक दूसरे के बिल्कुल आसपास में हैं, जहां पर दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे को परेशान किए बिना शांतिपूर्वक प्रार्थना करते हैं। यहां तक ​​कि 1992 में, जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था, यहां लोगों के बीच कोई दंगा नहीं हुआ।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद हिन्दू और मुस्लिमों के बीच झगड़ा का एक शताब्दी पुराना बिंदु है। अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को हिंदू करसेवक द्वारा मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद देश में भारी दंगे हुए और 2,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

एक स्थानीय निवासी, गया पाटी ने कहा कि हिंदू और मुसलमान हमेशा शांतिपूर्वक एक साथ रहते हैं। यहां तक ​​कि जब बाबरी मस्जिद की घटना हुई थी तब भी यहां कोई दंगा नहीं था।

एक और व्यक्ति ने कहा कि यहां दोनों समुदायों के बीच कोई संघर्ष नहीं है। हम एक दूसरे के प्रार्थना और प्रथाओं का सम्मान करते हैं।

इस गांव के लोग एक दूसरे के घरों में जाते हैं, सभी त्यौहारों को एक साथ मनाते हैं और एक के रूप में रहते हैं। हम लोग मानवता में विश्वास करते हैं।

वहीं, कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर दोनों ही समुदायों में अक्सर झडपें देखी जाती हैं। कभी लाउडस्पीकर को लेकर तो कभी किसी के प्रार्थना में खलल डालने को लेकर। ऐसे लोगों को इस गांव से सबक लेना चाहिए।

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