गुरुग्राम। सफाई कर्मियों की हड़ताल पहले भी हुई हैं, लेकिन इस बार शहर में जो गंदगी की हालत बनी है वह पहले कभी नहीं बनी। अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर गुरुग्राम एक तरह से गंदगी के ढेर में तब्दील हो गया है। हड़ताल कब खत्म होगी, यह सीधे तौर पर सरकार के हाथ में है। अगर मांगें नहीं मानी गई तो हड़ताल और लंबी चल सकती है।
पिछले करीब 15 दिनों से गुरुग्राम में सफाई कर्मियों की हड़ताल चल रही है। वेतन विसंतियों समेत कई मांगों को लेकर सफाईकर्मियों की इस बार की हड़ताल पूरे हरियाणा में चल रही है। इसलिए हर शहर कूड़े का शहर बन चुका है। बात करें गुरुग्राम की तो यह शहर बाकी शहरों की आबादी की तुलना के हिसाब से काफी आगे है। इसलिए यहां रोजाना हजारों टन कूड़ा निकलता है। शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर तो कूड़े का बुरा हाल है। सड़कें कूड़े से अटी पड़ी हैं। 30 फिट चौड़ी सड़कें आज मात्र पांच-दस फुट की रह गई हैं। बाकी पर कूड़ा फैला पड़ा है।
अपना बाजार के सामने भी फैला कूड़ा
नगर निगम के शहर के भीतर पुराने कार्यालय ठीक साथ में अपना बाजार के पास जैसे ही सदर बाजार में प्रवेश करते हैं तो वहां पर निगम ने अपना अधिकृत कूड़ा डंपिंग स्टेशन बना रखा है। शहर के कई क्षेत्रों का कूड़ा यहां डाला जाता है और फिर यहां से बड़ी गाडिय़ों में कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी ले जाया जाता है। पटौदी चौक से पटौदी रोड की ओर जाने वाली सड़क पर बीच सड़क में वर्षों से कूड़ा डाला जाता है। यहां दोनों ओर के दुकानदार अपने बाहर कूड़ादान नहीं रखने देते। इसलिए यहां कूड़ा बीच सड़क में ही फेंका जाता है। यह कूड़ा फैलते-फैलते पूरी सड़क पर पहुंच जाता है।वाहनों के नीचे कुचलते हुए इस कूड़े पर फिसलन इतनी बन जाती है कि दुपहिया वाहन तो फिसलने भी लगते हैं।
न्यू रेलवे रोड पर नजर नहीं आ रही सड़क
न्यू रेलवे रोड पर द्रोणाचार्य कालेज से ठीक पहले गुडग़ांव गांव के सामने सड़क किनारे कूड़ा डालना शुरू किया गया था। धीरे-धीरे यह कूड़ा इतना हो गया कि लगभग पूरी सड़क पर फैल गया है। कूड़ा का करीब छह फुट ऊंचा ढेर यहां लगा है। काफी दूर में यह कूड़ा फैला पड़ा है। हालत यह हो गई है कि सड़क तो यहां नजर ही नहीं आ रही। यहां से निकलने वालों को मुंह पर कपड़ा रखना ही पड़ता है, यहां रहने वाले भी ऐसा करने को मजबूर हैं।
सब्जी मंडी में प्रवेश करना भी हुआ दुभर
यहां गुरुद्वारे के ठीक सामने सब्जी मंडी का तो बहुत बुरा हाल है। सब्जी मंडी से होते हुए लोग सदर बाजार में प्रवेश करते हैं। यहां रोजाना सब्जी लेने के साथ बाजार में पहुंचने वालों की संख्या अच्छी-खासी होती है। सब्जी मंडी के बाहर फैले कूड़े का तो और भी बुरा हाल है। यहां इतना कूड़ा पड़ा है कि मंडी में कूड़े के ढेर को लांघकर जाना पड़ता है। यहां से उठने वाली बदबू आसपास के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
अब कहां चले गए झाडू़ उठाने वाले
शहर में सफाई के नाम पर झाडू़ हाथ में लेकर फोटो खिंचवा अखबारों में छपवाने के शौकीन अब नजर नहीं आ रहे हैं। साफ सड़क पर कागजनुमा गंदगी डालकर तो वे फोटो खिंचवाते थे, लेकिन अब जब उनकी अहम जरूरत है तो वे नदारद हैं। सफाई करना तो दूर की बात है, कोई सफाई को लेकर चर्चा तक नहीं कर रहा। शहर कूड़े के ढेर में बदल गया है, लेकिन भाजपा के नेताओं को अब सफाई की याद नहीं आ रही है। स्वच्छ भारत के नाम पर राजनीति करने वाले गायब हो गए हैं|
नहीं है किसी को मरीजों की चिंता
शहर में कई जगह ऐसी हैं, जहां सरकारी एवं निजी अस्पतालों के बाहर कूड़े के ढेर लगे हैं। वहां पर मरीजों के स्वास्थ्य की किसी को चिंता नहीं है। वहां से उठने वाली बदबू, मच्छर मक्खियां मरीजों को किस तरह से प्रभावित करेंगीं, यह चिकित्सक बता सकते हैं। यह बात सच है कि इसका प्रभाव मरीजों पर पड़ेगा ही।
कूड़े के ढेर पर लगाए नेताओं के हॉर्डिंग
आम आदमी पार्टी की ओर से कूड़े को लेकर एक अलग तरह का काम किया गया है। शहर में कूड़े के ढेरों पर आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पीडब्ल्यूडी मंत्री नरबीर सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह, गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल के फोटो छपवाकर हॉर्डिंग लगाए गए हैं। एक हार्डिंग पर तो यह तक लिखा है कि-स्वच्छ अभियान के चार दलाल, खट्टर, इंद्रजीत, नरबीर, अग्रवाल।
हिंद न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से संजय कुमार