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कम्युनिटी रेडियो के लिए सरकार और हितधारकों के बीच बेहतर संवाद की दरकार: वीरेंद्र

कम्युनिटी रेडियो के लिए सरकार और हितधारकों के बीच बेहतर संवाद की दरकार: वीरेंद्र

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जींद । भारत सरकार की सामुदायिक रेडियो नीति के अनुसार देश में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को और अधिक विस्तार और धार प्रदान किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय समेत सभी सरकारी पक्षकारों और सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियों के बीच बेहतर संवाद और तालमेल की दिशा में पहलकदमी करनी होगी। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक संयोजक प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपने के बाद यह बात कही। प्रो. चौहान ने बताया कि यहां महाराणा प्रताप जयंती में बतौर विशिष्ट अतिथि पधारे कर्नल राठौर को उन्होंने कम्युनिटी रेडियो एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह द्वारा प्रेषित ज्ञापन सौंपा, जिसमें भारत में कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों को इस समय पेश आ रही दिक्कतों का विस्तृत विवरण दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जून माह में सामुदायिक रेडियो क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के साथ दिल्ली में इन सवालों पर चर्चा का कार्यक्रम बनाया जाएगा।

इस अवसर पर प्रोफेसर चौहान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री कर्नल राठौर के साथ हरियाणा में कम्युनिटी रेडियो के विस्तार से जुड़े मसलों पर भी चर्चा की। प्रो. वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि राज्य में इस समय एक दर्जन संस्थान या संगठन सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित करने के लिए अधिकृत हैं। इनमें सरकारी विश्वविद्यालय, निजी शिक्षण संस्थान और स्वयंसेवी संगठन भी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि करनाल जिले के गोंदर गांव में मानव सेवा चैरिटेबल सोसाइटी के बैनर तले हरियाणा का पहला विशुद्ध ग्रामीण सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित किया जा रहा है। इसका नाम रेडियो ग्रामोदय रखा गया है और अगले 1 माह के भीतर स्टेशन से कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारंभ हो जाएगा।

क्या है सामुदायिक रेडियो

सामुदायिक रेडियो FM बैंड पर चलने वाला सीमित शक्ति पर आधारित ट्रांसमीटर की मदद से चलने वाला रेडियो स्टेशन होता है। भारत में ऐसे स्टेशनों के संचालन के लिए विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और स्वयंसेवी संगठनों को केंद्र सरकार द्वारा लाइसेंस प्रदान किए जाते हैं। एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन का कवरेज क्षेत्र उसके टावर के चारों ओर 12 से 15 किलोमीटर के दायरे में होता है। यह स्टेशन समाज के लिए और समाज द्वारा ही संचालित किए जाते हैं और इनका संचालन करने वाली संस्थाओं को इनका संचालन लाभ कमाने के उद्देश्य से करने की अनुमति नहीं होती। ऐसे रेडियो स्टेशनों पर शिक्षा स्वास्थ्य पर्यावरण और जनजागृति से जुड़े विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।

हिन्द न्यूज के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक

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