बेंगलुरु। कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी और जनता दल (सेक्युलर) को कर्नाटक में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने के लिए अपने मतभेदों को हल करना था, जिसको हमने हल कर लिया है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और जेडी-एस एक दूसरे के बारे में टिप्पणियां कर रहे थे। यह स्वीकार करते हुए शिवकुमार ने एएनआई को बताया कि राजनीति में मैं 1985 से गौड़ा के खिलाफ लड़ रहा हूं। पिछले संसदीय चुनाव और उनके खिलाफ विधानसभा चुनाव में मैंने जीत हासिल की, उनके बेटे और बहू के खिलाफ जीता। कई मामले दर्ज भी किये गये हैं, लेकिन देश और पार्टी के हित में हमें कर्नाटक में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार की जरूरत महसूस हुई और हम वो करने जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी ने एक निर्णय लिया है कि यहां एक धर्मनिरपेक्ष सरकार होनी चाहिए। यह पूरे देश में जरूरी है। यही कारण है कि हमने यह स्टैंड (जेडी-एस के साथ गठबंधन) लिया है। चूंकि यह मेरी जिम्मेदारी थी, इसलिए मैंने सभी मतभेदों को भुला दिया।
हाल ही में आयोजित कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनावों के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस, राज्य में सरकार बनाने के लिए जेडी-एस के साथ गठजोड़ कर रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जेडी-एस के साथ गठबंधन करके खुश हैं तो शिवकुमार ने कहा कि कभी-कभी, व्यक्तिगत मत के बारे में चर्चा नहीं की जाती है। व्यक्तिगत राय महत्वपूर्ण नहीं है। जो भी सामूहिक निर्णय लिया जाता है, उसे एक व्यक्ति पसंद कर सकता है या दूसरा नहीं भी कर सकता है। लेकिन मैंने इस सरकार के गठन के लिए भी सहमति दे दी है।
शनिवार को मुख्यमंत्री चुने गए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद सरकार बनाने के लिए राज्यपाल वाजुभाई आर वाला ने कुमारस्वामी को आमंत्रित किया।
कैबिनेट की संरचना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस पार्टी के नेता ने कहा कि हम सोनिया जी (गांधी) और राहुल जी के साथ कैबिनेट गठन पर चर्चा नहीं करेंगे। हम उनके पिता (राजीव गांधी) के सम्मान में दिल्ली जा रहे हैं।
अगले साल के आम चुनाव में बीजेपी को पराजित करने के लिए एक शानदार गठबंधन की आवश्यकता पर टिप्पणी करते हुए शिवकुमार ने कहा कि यह एक शानदार गठबंधन के गठन की शुरुआत हुई है, जिसकी धर्मनिरपेक्ष को जरूरत भी थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस-जेडी (एस) सरकार पांच साल पूरे करेगी, उन्होंने आगे कहा कि इसका जवाब वक्त पर दिया जाएगा। मैं अभी इसका जवाब नहीं देना चाहता हूं। हमारे पास बहुत से मुद्दे हैं, हमारे सामने विकल्प हैं, मैं अभी कुछ कह नहीं सकता हूं।
कुमारस्वामी को सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की उम्मीद थी, लेकिन बाद में समारोह को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत की सालगिरह के कारण बुधवार तक के लिए टाल दिया गया।