यू तो उत्तर प्रदेश के मुखिया पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह लाख दावे कर रहे हैं कि पुलिस दुश्मन नही मित्र हैं, वहीं बलिया पुलिस का बेरहम चेहरा देखने को मिल रहा है। जब बलिया जिले में गाड़ियों की चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक ठेकदार के साथ कहासुनी होने पर सिपाहियों से कहकर उसे बुरी तरह पिटावाया।
थाने में दर्द से कराह रहा ये शख्स कोई और नही बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता व रसड़ा नगर महापालिका के ठेकदार प्रमोद है। रसड़ा थाना क्षेत्र में गाड़ियों की चेकिंग के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताकी पुलिस के साथ कहासुनी हो गई। मौके पर खड़े एसएसआई पटेल और रसड़ा कोतवाल, जगदीश यादव ने सिपाहियों से कहकर प्रमोद की बुरी तरह पिटाई करा दी। इतना ही नही पुलिस ने घायल को अस्पताल ना पहुचाकर पहले थाने ले आई। वहीं,पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रमोद ने पुलिस से बदतमीज़ी से बात की।
जबकि घायल का आरोप है कि उसे SSI पटेल और इंस्पेक्टर जगदीश यादव के सामने सिपाहियों ने पीटा है।प्रमोद किडनी का मरीज है और उसकी स्थिति देखते हुए बलिया जिला अस्पताल ने लखनऊ के PGI के लिए रेफर कर दिया। पिटाई से युवक के पेट में काफी चोटें लगी है।
लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस जब युवक को हॉस्पिटल लेकर पहुचीं तो वहां बडी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता उपस्थित हो गए, जहां कार्यकर्ताओ की पुलिस और हॉस्पिटल के सी ओ, रसड़ा अवधेश चौधरी से नोक झोंक हुई। अंत में किसी तरह पुलिस रसड़ा सरकारी अस्पताल से बलिया जिला अस्पताल ले जाने में कामयाब रही। मौके पर मौजूद सरकारी अस्पताल के डॉ भारती ने स्पष्ट कहा कि मरीज को अंदरूनी काफी चोटें आई है। वही अपर पुलिस अधीक्षक ने दोनों पक्षो की बात सुन दोषी पर कार्यवाही करने की बात कही, जहाँ सरकार पुलिस को जनता की सुरक्षा के लिए तैनात करती हैं ऐसे में पुलिस जनता के साथ ये रवैया अपनाये तो पुलिस पर कैसे भरोसा किया जा सकता हैं | ऐसे में यदि बीजेपी कार्यकर्त्ता के साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार करती हैं तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए बलिया से अमित कुमार]