कर्नाटक में अभी राजनीतिक हलचल खत्म नहीं हो रहा हैं, शनिवार को 55 घण्टे बाद येदियुरप्पा की कर्नाटक सरकार का नाटक खत्म हुआ और उन्होनें फ्लोर टेस्ट में जाने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे से पहले दिए भावुक भाषण में येदियुरप्पा ने साफ तौर पर कहा था कि आज अगर हमारे पास 113 का संख्या बल होता तो स्थिति कुछ और होती। जिस जादुई आकड़े की बात येदियुरप्पा कर रहे थे वो कर्नाटक में अभी कांग्रेस और जेडीएस के उस गठबंधन के पास हैं जो चुनाव बाद का हैं।
कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन कितने दिन चलेगा यह भी देखने वाली बात होगी, क्योकि इतिहास में ऐसा कोई वाक्या नहीं मिलता जिसमें कांग्रेस के सर्मथन से किसी सरकार नें अपने पांच साल पूरे किए हो, साथ ही एक बात जो यहा नहीं भूलनी चाहिए कि देवगौड़ा ने ही सिद्धारमैया का टिकट काटा था जब सिद्धारमैया जेडीएस में हुआ करते थे।
जब येदियुरप्पा पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब उससे पहले एच डी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे, दरअसल उस समय बीजेपी और जेडीएस के बीच का गठबंधन इस शर्त पर हुआ था कि पहले 20 महीनों के लिए कुमारस्वामी मुख्यमंत्री होंगे तथा उसके अगले 20 महीने बाद येदियुरप्पा मुख्यमंत्री का पद सभालेंगे परंतु 20 महीने बाद येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का समय आया तो कुमारस्वामी ने कुर्सी छोड़ने से मना कर दिया। जिसके बाद बीजेपी ने अपना बहुमत वापस ले लिया और सरकार गिर गई। 15 मई को चुनावों के नतीजे आने के बाद जब कांग्रेस ने सिर्फ बीजेपी की सरकार न बनने देने के लिए जेडीएस का बिना शर्त सर्मथन किया तो सबको लगा कि जे़डीएस मना कर देगी, पर ऐसा हुआ नहीं और जेडीएस के कुमारस्वामी का कांग्रेस की मदद से मुख्यमंत्री बना तय हुआ। कर्नाटक में बीजेपी का बहुमत परिक्षण का नाटक खत्म होने के बाद कुमारस्वामी ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। सरकार बनाने के लिए पहले 21 मई की तारीख का चयन किया गया, सभी विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया, परंतु 21 मई को राजीव गांधी की पुण्यतिथि होने के कारण शपथ समारोह 23 मई को करना तय हुआ।
We are going to take oath on Wednesday as Monday is Rajiv Gandhi’s death anniversary & so that is not a proper date: HD Kumaraswamy, Chief Minister-elect #Karnataka pic.twitter.com/07AkxbtdtD
— ANI (@ANI) May 19, 2018
इन सब घटनाक्रम के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान ने सबको सकते में कर दिया कि कैबिनेट मंत्रियों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। उन्होने कहा “हाई कमांड निर्णय लेगा, हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, जबकि जेडीएस एक क्षेत्रीय पार्टी हैं। संवैधानिक सिद्धांतों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमने जेडीएस का समर्थन किया हैं। सबकुछ ध्यान में रखते हुए, ‘देना और लेना’ का समीकरण होना चाहिए” खड़गे के इस बयान से ये तो साफ हो गया कि अगर मंत्री पद के बटवारे को लेकर उनकी नहीं चली तो गठबंधन के चलने के आसार बहुत कम दिखते हैं।
High command will take decision. We, being a national party, supported JD(S) – a regional party, to uphold Constitutional principles & democracy. Keeping everything in mind, there ought to be a ‘give & take’ equation: Mallikarjun Kharge, Congress on #Karnataka cabinet formation pic.twitter.com/mJ5IEc6lMM
— ANI (@ANI) May 20, 2018
High command sonia Gandhi will start her dictatirship in karnataka….the CM will be just anither Manmohan singh ….says Malikarjun a seniir Congress minister