सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज 4 बजे विधानसभा में येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना न करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। वहीं इससे पहले तक येदियुरप्पा पूरे दम के साथ ये कह रहे थे कि उनके पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन ऐसा हो न सका।
ऐसे में अब कांग्रेस को सत्ता की चाबी अपने पास नजर आ रही है, क्योंकि अब उन्हें बहुमत साबित करने का मौका दिया जाएगा। ऐसे में अगर कांग्रेस फ्लोर टेस्ट में पास हो जाती है तो कर्नाटक की सत्ता पर कांग्रेस का राज होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले तक कर्नाटक में सियासी नाटक जारी था। सुप्रीम कोर्ट को भी इस मामले में आना पड़ा था।
कर्नाटक में कुल 224 सीटें हैं, जिसमें 222 के लिए चुनाव करवाए गए थे। जिसमें एक विधायक दो जगहों से निर्वाचित हुआ है। इसलिए कुल सीटें 221 ही थीं। जिसमें से भाजपा को बहुमत के लिए 111 सीटों की जरूरत थी। लेकिन उसके पास कुल 104 विधायक ही थे। गठबंधन के विधायक अपने रुख पर अड़े रहे और टस से मस नहीं हुए। उनको तरह-तरह के ऑफर दिए गए, लेकिन उन विधायकों ने किसी तरह के ऑफर को स्वीकार नहीं किया और सदन में बहुमत परीक्षण के पहले ही अपने भाषण के दौरान येदियुरप्पा ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
आपको बता दें, सरकार बनाने के लिए बहुमत वाली पार्टी को आमंत्रित किया जाता है, लेकिन राज्यपाल ने नियमों को धता बताते हुए राज्य की सबसे बड़ी पार्टी का हवाला देते हुए भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। उसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राज्यपाल के आदेश पर रोक तो नहीं लगा सकते, लेकिन बहुमत परीक्षण की अवधि को घटा दिया और कहा कि 19 मई को ही बहुमत साबित करें येदियुरप्पा। उसके बाद ही उनका खेल खराब होग गया और येदियुरप्पा की उल्टी गिनती शुरू हो गई।