रामानुज;– नई दिल्ली, 20 नवम्बर, 2024- दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ सबसे प्रदूषित शहर भी है। अक्टूबर के शुरुआत से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है जिस पर अरविन्द केजरीवाल की रहनुमाई वाली आतिशी सरकार नियंत्रण पाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। गैस चैंबर बनी राजधानी में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति उत्पन्न होने के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। दिल्ली का औसत एक्यूआई 460 है, जबकि अलीपुर में एक्यूआई 471, सोनिया विहार में एक्यूआई 470 आनंद विहार का एक्यूआई 466 के कारण खतरनाक प्रदूषण से प्रभावित लोगों के सवालों का जवाब आम आदमी पार्टी की सरकार के पास नही है, क्योंकि प्रदूषण रोकथाम के लिए कोई काम नही किया है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले 10 वर्ष केजरीवाल सरकार और अब आतिशी सरकार प्रदूषण के लिए कोई सकारात्मक काम करने की बजाय प्रदूषण के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराती है। चार बार संशोधन करके विंटर एक्शन प्लान इस वादे के साथ लागू किया, प्रदूषण मुक्त दिल्ली बनाऐंगे और रेड लाईट ऑन गाड़ी ऑफ, ‘‘विशेष जल छिड़काव अभियान’’ 70 एंटी स्मॉग गन, स्मॉग टावर, ‘‘धूल प्रदूषण के विरुद्ध, पानी छिड़काव अभियान’’ कई योजनाओं को लागू करने के बावजूद दिल्ली में ग्रेप 4 लागू करने की नौबत आ गई है। दिल्ली वालों की सांसो छीन रहे गंभीर होते प्रदूषण की जवाबदेही सरकार के पास नही है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब में कांग्रेस सत्ता में थी तो केजरीवाल ने प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराकर केवल नौटंकी करते थे परंतु अब आप पंजाब में उनकी सत्ता होने पर दिल्ली में प्रदूषण के लिए अन्य पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराकर दिल्ली वालों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि जब कांग्रेस दिल्ली की सत्ता में थी, तो वह हमेशा दिल्ली के विषयों पर जवाबदेह होती थी लेकिन केजरीवाल लोगों की समस्याओं को सुने बिना केवल लोगों की प्रदूषण, टूटी सड़कों और अन्य समस्याओं को दूर करने की बजाय अपने मन की बात कह रहे है। केजरीवाल ने पूरे 11 वर्ष लोगों के कल्याण, राजधानी में सुधार के लिए कोई ठोस काम करने की बजाय लोगों को झूठ बोलकर सिर्फ गुमराह करने का काम किया है। उन्हांने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी और उसे ग्रेप-4 लागू करने का निर्देश दिया था और पूछा था कि उसने प्रदूषण से निपटने के लिए पूरे साल में क्या कदम उठाए है। यह आश्यर्चजनक है कि सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट का कोई जवाब नहीं था।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि 1500 वर्ग किलोमीटर में फैली दिल्ली में वायु गुणवत्ता को मापने के लिए सिर्फ 40 स्टेशन नाकाफी है। लेकिन हकीकत यह भी है कि जिन क्षेत्रों में प्रदूषण अधिक होता है वहां एक्यूआई मापने वाले स्टेशन है। एक्यूआई स्टेशन 37 वर्ग किलोमीटर पर एक स्टेशन है। क्या हवा में गुणवत्ता है, कहना सरकार के प्रदूषण को रोकने वाले आंकड़ों में कितनी वास्तविकता है, यह कहना मुश्किल है? पर्यावरण विशेषज्ञ का कहना है कि एक स्टेशन से इतने बड़े क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले इलाकों की पहचान नही हो सकती। मतलब साफ है आम आदमी पार्टी प्रदूषण रोकथाम के लिए सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है।