NareshTOmar (दिल्ली):–
राहुल प्रहरी ने 11 नवंबर को ठोंकर नंबर 7 पल्ला गांव के झंगोला प्राचीन जमुना मंदिर से अपनी पदयात्रा शुरू की जो की बुराड़ी ओल्ड वजीराबाद घाट नीली छतरी वाले मंदिर गीता कॉलोनी घाट आईटीओ घाट निजामुद्दीन घाट होते हुए. 16 नवंबर को कालिंदी कुंज घाट पर समापन हुआ.
दिल्ली की यमुना नदी में जल प्रदूषण किस प्रकार कम हो इसके लिए राहुल प्रहरी ने सामाजिक जन-जागरूकता के लिए पदयात्रा निकाली जिसमें समाज के मध्य जाकर किस प्रकार यमुना नदी के प्रदूषण को कम करने में समाज अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है इसके महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की. यात्रा की थीम है.
नदियी से संवाद की रही.
राहुल प्रहरी ने समाज के लोगों से कहा कि जोग जल आप घर में उपयोग करते हैं उसको जितना जल आप अत्यधिक मात्रा में दुरुपयोग करते हैं वह जल छोटी नाली से होते हुये बड़े नाले में होता हुआ मुख्य नाले मे जाता है जो कि STP (शिवर ट्रीटमेंट प्लांट ) तक पहुंचता है जिससे एसपी को दूषित जल को शुद्ध करने के लिए अधिक दूषित जल मिलता है जिससे एसटीपी की कार्य क्षमता प्रभावित होती है.
राहुल प्रहरी युवाओं से भी अपील कर रहे है की भविष्य में यदि आप कभी भवन निर्माण व्यवसाय या रहने के लिए अपना घर बनाते हैं तो उसे वर्ष के जल संरक्षण के अनुकूल बनाएं जिससे प्रकृति का दिया हुआ यह अनमोल उपहार जल दूषित भी ना हो और नालियों मे जाकर STP के कार्य को ना बढ़ाएं.
राहुल प्रहरी ने नारियों से भी संवाद किया और कहा कि समाज में आपकी भी भूमिका सराहनीय है वर्तमान समय मे घरों से निकलने वाला धार्मिक कचरा यमुना नदी में प्रदूषण में एक मुख्य भूमिका निभाते जा रहा है अतः अपील की कि आप तस्वीर चित्र मूर्तियां प्लास्टिक फाइबर ग्लास या अन्य हानिकारक केमिकल से बनी हुई धातुओं की ना खरीदें. उसके स्थान पर आप प्राकृतिक मिट्टी, प्राकृतिक रंगों में बायोडिग्रेडेबल बनी हुई मूर्तियां तस्वीरें कपड़े की चुन्नी इत्यादि का प्रयोग करें. क्योंकि आजकल प्रचलन में देखा जा रहा है कि प्लास्टिक की चुन्नी प्लास्टिक का श्रंगार प्लास्टिक के शीशे इत्यादि धार्मिक सामग्री के रूप में बड़ी पेठ बनाए हुए हैं जिनका विसर्जन समाज के द्वारा नदियों में मुख्य रूप से किया जाता है. जिससे यमुना नदी के जल प्रदूषण में वृद्धि होती है
राहुल प्रहरी ने कहा कि शैंपू साबुन के स्थान पर आप रीठा से बने हुए शैंपू का इस्तेमाल कर सकते हैं जोकि पर्यावरण के अनुकूल भी है और जल को दूषित भी नहीं करता है. साथ ही
बायोएंजाइम किस प्रकार बनाया जाता है उसकी जानकारी दी. बायोएंजाइम किस प्रकार पर्यावरण के लिए अनुकूल है और वह क्लीनिंग के लिए काम में आता है जिसे जल दूषित नहीं होता है और यह इको फ्रेंडली भी है
राहुल प्रहरी ने कहा नदियों को दूषित करने पर पुण्य के स्थान पर पाप के भागी बनते हैं और नदियों को माँ माना जाता है क्या माँ को भी क्या कोई दूषित करता है और कचरा देता है. क्योंकि जिसकी भी आप पूजा करते हैं पूजा करने का अर्थ होता है उसका संरक्षण करना.न की उसकी प्रकति को दूषित करना.
राहुल प्रहरी की यात्रा 11 नवंबर को प्रारंभ हुई थी पल्ला गांव झंगोला से जो की 16 नवंबर को कालिंदी कुंज घाट पर जाकर समाप्त हुई.
यात्रा कुल 57 किलोमीटर की होगी संपूर्ण यात्रा पैदल मार्ग द्वारा की गई है.