देहरादून। उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड दुश्वारियां बढ़ा रही है। सुबह-शाम तापमान में गिरावट और सर्द हवाएं चलने से कंपकंपी छूट रही है। लंबे समय से शुष्क चल रहे मौसम में अगले कुछ दिन बदलाव आने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अगले तीन दिन पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा और बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर और घने कोहरे को लेकर चेतावनी जारी की गई है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में अत्यधिक अंतर आने के कारण सेहत के प्रति सचेत रहने की भी सलाह दी गई है।
प्रदेश में बीते करीब डेढ़ माह से मौसम शुष्क है और वर्षा-बर्फबारी नहीं हो रही है। हालांकि, ठंड में लगातार इजाफा हो रहा है। ज्यादातर शहरों में अधिकतम तापमान तो सामान्य या इससे अधिक है, लेकिन न्यूनतम तापमान सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। जिससे मैदान से लेकर पहाड़ तक सुबह-शाम ठंड का प्रकोप है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने की आशंका है। अगले तीन दिन चमोली-पिथौरागढ़ समेत आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा और हिमपात हो सकता है।
इसके साथ ही प्रदेश के 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार हैं। इसके अलावा हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत आसपास के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा छाने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही शीतलहर चलने की भी चेतावनी दी गई है। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक का अंतर रह सकता है।चकराता क्षेत्र के लोखंडी लोहारी गांव में ठंड से पानी जम रहा है। पानी की टंकी पूरी तरह से जमने पर आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। इस बार सूखी ठंड के कारण लोग कांप रहे हैं। कामन कोल्ड से ग्रस्त लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। पाला के कारण क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिस कारण लोखंडी लोहारी में पानी जम रहा है।
लागापोखरी, छावनी बाजार चकराता, सप्लाई, जंगलात चौकी आदि स्थानों पर घरों की पेयजल लाइन पाला से जमने के कारण पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। चकराता क्षेत्र में ठंड की वजह से मटर आदि फसलें भी बर्बाद हो रही है। लोखंडी लोहारी व चकराता क्षेत्र के कुछ इलाकों में पेयजल लाइन में पानी जमने से आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है।कड़ाके की ठंड की वजह से ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं, जिस कारण सीएचसी चकराता की ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। चिकित्सक उपचार के साथ ही बीमारी से बचने के उपाय भी बता रहे हैं। ठंड में गर्म पानी का सेवन करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही बच्चों व बुजुर्गों का ज्यादा ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं।
धारचूला में चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग मालपा के पास मलबा आने से विगत 40 घंटों से बंद है। मार्ग बंद होने से व्यास गए वाहन फंसे हुए हैं। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर इस समय सुधारीकरण का कार्य चल रहा है। बीते दिनों सुधारीकरण कार्य के चलते मार्ग 15 दिनों तक बंद रखा गया था। इस अवधि में खतरनाक स्थलों को सुधारा गया था। यह स्थल गर्बाधार से लेकर बूंदी के बीच के थे।