सर्दियों में कई तरह की जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से बनाए जाने वाले आयुर्वेदिक खाद्य पदार्थ च्यवनप्राश का सेवन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ दे सकता है। विटामिन सी और और खनिजों से भरपूर च्यवनप्राश रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, उम्र लंबी करने, पाचन शक्ति और याददाश्त बढ़ाने के साथ आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है। ऐसे में आइए च्यवनप्राश के नियिमत इस्तेमाल से मिलने वाले पांच प्रमुख स्वास्थ्य लाभ कौनसे हैं।
च्यवनप्राश में किन सामग्रियों का होता है इस्तेमाल?
च्यवनप्राश में जैम जैसी स्थिरता होती है और इसमें 12 शक्तिशाली तत्व होते हैं। ये तत्व संपूर्ण शारीरिक बदलाव के साथ विभिन्न बीमारियों से लडऩे में सक्षम रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करते हैं। च्यवनप्राश बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली 12 महत्वपूर्ण सामग्रियों में नीम, आंवला, तुलसी, सफेद चंदन, इलाइची, अश्वगंधा, अर्जुन छाल, केसर, देसी घी, काली मिर्च, शाहद और ब्राह्मी शामिल हैं। इसके अलावा इसमें लौंग और मीठी नीम के पत्तों का भी इस्तेमाल होता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने में है मददगार
एडाप्टोजेनिक और एंटासिड गुणों से भरपूर च्यवनप्राश पाचन शक्ति को बढ़ाने में काफी मददगार होता है। इसके अलावा यह गैस के कारण होने वाली बीमारियों से भी दूर रखता है। इसमें मौजूद एंटी-फ्लैटुलेंट गुण आहार नली में गैस बनने से रोकते हैं। इससे पेट फूलने, सूजन और पेट दर्द की समस्या खत्म हो जाती है। इसी तरह इसमें मौजूद फाइबर पेट की अच्छी तरह सफाई करने और कब्ज को दूर करने में भी काफी सहायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
च्यवनप्राश का उपयोग प्राचीन काल से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर च्यवनप्राश प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और शरीर को रोगाणुओं और बैक्टीरिया और वायरल संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं जो गले में खराश, सर्दी और खांसी, बुखार और अन्य सांस की बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं।
वजन कम करने में भी है उपयोगी
च्यवनप्राश में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स वजन कम करने और स्वस्थ रहने में उपयोगी होता है। इसमें मौजूद फाइबर और पोषक तत्व पेट की भूख को शांत करने में मदद करने के साथ अधिक खाने से रोकते हैं। यह शरीर में एलडीएल का स्तर बढऩे से भी रोकता है। इससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है। तेजी से वजन घटाने की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए गर्म दूध के साथ रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
त्वचा का निखार बनाए रखने में मददगार
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर च्यवनप्राश त्वचा को सूर्य की हानिकारक यूवीए और यूवीबी किरणों के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव रेडिकल नुकसान से बचाने में मदद करता है। इसी तरह यह बढ़ती उम्र के संकेतों जैसे धब्बे, महीन रेखाएं, काले घेरे और झुर्रियों को कम करने में भी सहायता करता है। यह त्वचा को जवां और चमकदार भी बनाता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों, फुंसियों और त्वचा के संक्रमण को कम करते हैं।
हृदय को स्वस्थ रखने में प्रभावी
अर्जुन छाल और अश्वगंधा की मौजूदगी के कारण च्यवनप्राश हृदय को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है। यह दिमाग को भी शांत करता है और इससे कार्डियक सिस्टम सुचारू रूप से काम करता रहता है। यह तेज दिल की धडक़न और असामान्य रूप से दिल धडक़ने की समस्या से जूझने वालों को काफी राहत पहुंचाता है। इसके अलावा यह लिपिड निर्माण रोकने के साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।