इंदौर। हुकुमचंद मिल के लगभग छह हजार मजदूरों के करोड़ों के भुगतान का इंतजार अगले साल जनवरी में खत्म हो सकता है। नगर निगम ने हाई कोर्ट इंदौर में जानकारी दी कि परिषद की बैठक में हुकुमचंद मिल की जमीन और मजदूरों के भुगतान को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है। इसे स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया है। यहां से हरी झंडी मिलते ही प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। हाई कोर्ट इंदौर में हुकुमचंद मिल को लेकर सुनवाई हुई। मिल के मजदूरों के भुगतान केा लेकर लंबे समय से हार्ठ कोर्ट में याचिका विचाराधीन है। मिल की जमीन बेचकर ही मिल के 5895 मजदूरों का बकाया भुगतान किया जाना है। मिल की जमीन को लेकर नगर निगम ने हाल ही में हुई नगर परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया है।
नगर निगम पूर्व में भी कोर्ट को बता चुका है कि वह मजदूरों का भुगतान करने को तैयार है। मजदूरों की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट धीरजसिंह पवार के मुताबिक नगर निगम के वकील ने गत दिवस मौखिक रूप से कोर्ट को प्रस्ताव की जानकारी दी। अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि हुकुमचंद मिल 12 दिसम्बर 1991 को बंद हुआ था। इसके बाद से मिल के हजारों मजदूर अपने बकाया भुगतान को लेकर कोट के चक्कर लगा रहे हैं। निगम परिषद की बैठक में मिल की जमीनऔर मजदूरों के भुगतान के बारे में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब मजदूरों का इंतजार खत्म हो सकता है। उम्मीद है निगम 24 जनवरी को कोर्ट के समक्ष भुगतान योजना की जानकारी दे सकता है।