देहरादून। हाईकोर्ट ने राज्य विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों का संज्ञान लेते हुए सरकार का जवाब तलब किया है। देहरादून निवासी समाजसेवी अभिनव थापर ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें इंटरनेट मीडिया, समाचार पत्रों व मीडिया में उजागर उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती में भ्रष्टाचार व अनियमितता को आधार बनाया है।
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने एक जांच समिति बनाकर 2016 से भर्तियों को निरस्त कर दिया, किंतु घोटाला राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था। अपने करीबियों को नौकरी लगाने में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्रियों पर भी सरकार ने चुप्पी साधी हुई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा भर्ती में भ्रष्टाचार से नौकरियों को लगाने वाले ताकतवर लोगों पर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराई जाए।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पक्षपातपूर्ण कार्य कर अपने करीबियों को नियमों को दरकिनार करते हुए नौकरियां दी है ,जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगार व शिक्षित युवाओं के साथ धोखा हुआ है। यह सरकारों का जघन्य किस्म का भ्रष्टाचार है और वर्तमान सरकार भी दोषियों पर कोई कार्यवाही करती दिख नही रही है।