देहरादून। डॉ आर राजेश कुमार को स्वास्थ्य सचिव बने हुए बेहद कम वक्त हुआ है लेकिन इतने कम समय में उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को कई बड़े कदम उठाये हैं। डॉ आर राजेश कुमार की लगातार फीडबैक लेने और ग्राउंड जीरो पर काम करने की शैली के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक सुधार देखने को आया है। सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की दशा में काफी सुधार देखने को मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार की कार्यशैली के मुरीद हैं।
वहीं आज सशक्त उत्तराखंड/चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वास्थ्य सचिव के दमदार प्रजेंटेशन की हर किसी ने सराहना की। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को और अधिक वेतन दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा पीपीपी मॉडल को अपनाया गया है ताकि मानव संसाधन को बढ़ाया जा सके। वहीं, मानव संसाधन प्रबंधन के लिहाज से बताया गया कि अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पालिसी नहीं है जिसकी वजह से समस्या आ रही है। अगर इस क्षेत्र में पीपीपी मॉडल से भर्ती करते हैं तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है। यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है।