नरेश तोमर (हिन्द न्यूज टीवी):–‐
:—— कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के द्वारा मार्ग स्वतंत्र सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। राहुल के दावों का वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने खंडन करते हुए भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा है कि पंडित नेहरू एक महिला के लिए भारत का विभाजन करने के लिए सहमत हुए, इतना नहीं वीर सावरकर के भतीजे रंजीत सावरकर ने यह भी आरोप लगाया कि नेहरू ने भारत की गुप्त जानकारी 12 वर्षों तक अंग्रेजों को दी थी। उन्होंने राहुल के इस आरोप का जवाब देने की अपील की है।
स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे @Hindnewstv की रिपोर्ट के मुताबिक पंडित नेहरू पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महिला के लिए भारत के विभाजन के लिए सहमत हुए थे, उन्होंने 12 साल तक भारत की सभी गुप्त जानकारी अंग्रेजों को दी थी,मैं मांग करता हूं कि पंडित नेहरू और एडविना के बीच के पत्राचार अंग्रेजों से मांगे जाएं और सार्वजनिक किए जाएं।
उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश को पता चलेगा कि जिस नेता को हम चाचा नेहरू कहते हैं, उन्होंने कैसे देश को धोखा दिया।नेहरू पर आरोप लगाते हुए सावरकर ने आगे कहा कि पंडित नेहरू ने 9 मई से 12 मई 1947 के बीच अकेले शिमला गए थे। वहां 4 दिन तक वहीं रहे साथ एडविना के सरकार को लिखे पत्र में उल्लेख है कि मैंने पंडित नेहरू को अपने अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था क्योंकि वह बहुत व्यस्त है इसलिए वे नर्वस ब्रेकडाउन के करीब पहुंच रहे थे, इससे बेच रहे इसलिए मेरे साथ 4 दिन बताएं और वह और मैं अच्छे दोस्त बन गए।अब यह दोस्ती लंबे समय तक चलेगी।
सावरकर ने यह भी कहा कि एडविना आगे लिखा की पंडित नेहरू मेरे काबू में आ गए हैं,रंजीत सावरकर ने कहा कि यह पंडित नेहरू थे जिन्होंने माउंटबेटन को वायरस नियुक्त किया था। उन्होंने कहा (बलवंत सिंह) ने कहा था कि वायरस होने कारण पाकिस्तान में सेना नहीं भेज सकते, 20 हजार भारतीय ल़डकियों का अपहरण कर लिया गया और वे पाकिस्तान में थी। माउंटबेटन ने लिखा कि मैं नरसंहार को देखकर भारतीय नेताओं को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें, इसलिए मैंने नियंत्रण कर लिया। माउंटबेटन ने लिखा कि माउंटबेटन के भारत छोड़ने के बाद नेहरू ने उन्हें 12 साल तक सभी गुप्त रिपोर्ट भेजी थी। यह खुफिया एजेंसी की उन्होंने आगे कहा कि यह गंभीर नाकामी है।
उन्होंने यह कहते हुए एक गंभीर आरोप लगाया कि नेहरू एक और हनी ट्रैप में फंसाया गया था और यह अपराध है, इससे पहले भी कई लोग ऐसे पकड़े जा चुके हैं सजा भी दी गई थी। नेहरू की बात कौन करेगा,राहुल को पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू को हनी ट्रैप में फंसाये जाने का जवाब देना चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सावरकर के पोते ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे मामले की जानकारी होनी चाहिए ओर इसकी जांच करानी चाहिए,।