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क्या खडग़े नेता विपक्ष भी बने रहेंगे?

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संसद का शीतकालीन सत्र टल गया है। नवंबर के तीसरे हफ्ते की बजाय दिसंबर के पहले हफ्ते में सत्र शुरू होगा। बताया जा रहा है कि सात से 29 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र चलने की संभावना है। तभी कांग्रेस पार्टी को राज्यसभा में अपना नेता तय करने का समय मिल गया है। ध्यान रहे मल्लिकार्जुन खडग़े ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय ही राज्यसभा में नेता पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। अब खडग़े खुद अध्यक्ष हैं। लेकिन तय नहीं है कि वे खुद अपना इस्तीफा मंजूर करेंगे या कांग्रेस संसदीय दल की नेता के नाते सोनिया गांधी को ही उनका इस्तीफा मंजूर करना है।

जब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं होता है तब तक वे राज्यसभा में नेता विपक्ष बने रहेंगे। यानी दो पदों की जिम्मेदारी उनके पास रहेगी। कहा जा रहा है कि उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी को समझाया है कि उन्हें नेता विपक्ष रहने दिया जाए। उनका कहना है कि दोनों सदनों में कांग्रेस के नेता रहने की वजह से उन्होंने पिछले आठ साल में विपक्षी पार्टियों के साथ अच्छा तालमेल बैठाया है और वे बेहतर फ्लोर कोऑर्डिनेशन करने की स्थिति में हैं। हिंदी भाषी राज्यों के साथ साथ वे दक्षिण के राज्यों के नेताओं के साथ भी बेहतर तालमेल कर सकते हैं। इसके अलावा कर्नाटक विधानसभा चुनाव का भी हवाला उन्होंने दिया है। उनका कहना है कि उनको नेता विपक्ष बनाए रखने का फायदा कर्नाटक चुनाव में मिलेगा।
हालांकि इन बातों का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष से बड़ा कोई पद नहीं है। हां, सोनिया, राहुल और कुछ पद तक प्रियंका गांधी वाड्रा जरूर उस पद से ऊपर हैं लेकिन अध्यक्ष से ऊपर कोई पद नहीं है। फिर जब खडग़े अध्यक्ष हैं तो कर्नाटक में फायदा लेने के लिए किसी दूसरे पद पर रखने की जरूरत नहीं है। दूसरी बात यह है कि कांग्रेस ने उदयपुर के नव संकल्प शिविर में तय किया है कि एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपवाद बनाने से मैसेज अच्छा नहीं जाएगा।

कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष खडग़े कुछ दिन तक नेता विपक्ष बने रह सकते हैं क्योंकि पार्टी को दिग्विजय सिंह को नया नेता विपक्ष बनाना है और वे इस समय राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हैं। संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू हो रहा है तो उस समय सदन को बिना नेता के नहीं छोड़ा जा सकता है। जनवरी के अंत में जब बजट सत्र शुरू होगा तब भी दिग्विजय सिंह यात्रा में ही होंगे। एक दिन पहले ही जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और केसी वेणुगोपाल संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं होंगे। तभी कहा जा रहा है कि दिग्विजय सिंह के यात्रा से लौटने तक नेता विपक्ष का पद खडग़े के पास रह सकते हैं।

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