मास्को। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मास्को से तेल खरीदना भारत के लिए फायदेमंद और वह इसे जारी रखना चाहेंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान रुस से तेल के आयात पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में डॉ. जयशंकर ने यह बात कही। विदेश मंत्री ने ऊर्जा बाजार पर दबाव के बारे में चर्चा करते हुए कहा, तेल और गैस के दुनिया के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में, एक उच्च स्तर की आय के बिना एक उपभोक्ता के रूप में हमारा मौलिक दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय उपभोक्ताओं के पास अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सबसे लाभप्रद शर्तों तक सबसे अच्छी पहुंच हो,।
उन्होंने कहा, इस संबंध में काफी ईमानदारी से, भारत रूस संबंधों ने हमारे लाभ के लिए काम किया है। इसलिए अगर यह मेरे लाभ के लिए काम करता है, तो मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। जबकि भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत और कूटनीति की वापसी की वकालत करते हुए अपनी स्थिति बनाए रखी, रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि भारत और रूस ऐतिहासिक संबंधों से एकजुट हैं, जो पारस्परिक सम्मान, आत्मनिर्भरता, भू-राजनीतिक स्थिति में उतार-चढ़ाव का प्रतिरोध की विशेषता है।
इससे इससे पूर्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति को साफ करते हुये डा. जयशंकर ने रुस से बातचीत और कूटनीति से इस समस्या का हल निकालने की वकालत की।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सोमवार शाम मास्को पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच इस साल यह पांचवीं मुलाकात है। उनकी यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत को रूस और यूक्रेन के बीच संभावित वार्ताकार के रूप में पेश किया जा रहा है।