देहरादून। उत्तराखंड में लगातार दो विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर हर बार सत्ता में बदलाव का मिथक तोडऩे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपर अब हिमाचल विधानसभा चुनाव में मिथक तोड़ने की जिम्मेदारी है। शामिल होने के लिए हिमाचल का रुख कर रहे हैं। उत्तराखंड में पहले चार विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को लगातार दो बार सत्ता में आने का अवसर नहीं मिला। हर विधानसभा चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक टूटा इस वर्ष की शुरुआत में हुए पांचवें विधानसभा चुनाव में, जब भाजपा ने लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल किया। चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुए तो स्वाभाविक रूप से इसका श्रेय उन्हें भी मिला। इन दिनों उत्तराखंड के समान परिस्थितियों वाले पड़ोसी राज्य हिमाचल में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। भाजपा नेतृत्व ने धामी की सफल चुनावी रणनीति का लाभ लेने के लिए उन्हें अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है।
उत्तराखंड में पहली बार हुआ कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई। वर्ष 2017 के बाद 2022 में भी भाजपा ने कांग्रेस को दरकिनार कर सरकार बनाने का मौका हासिल किया। चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुए तो इस कामयाबी के बाद धामी भाजपा के लकी चार्म हो गए हैं। यह इस लिहाज से कि धामी हिमाचल विधानसभा चुनाव में बड़े स्टार प्रचारक की भूमिका में दिख रहे हैं। चुनाव अभियान में लगातार स्वयं को झोंके हुए हैं धामी। उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी हर चुनाव में सत्ता बदलने का मिथक रहा है, लगता है भाजपा जयराम ठाकुर को भी राह दिखा रही है कि धामी का सदुपयोग करें। उत्तराखंड और हिमाचल में एक दिलचस्प समानता और भी है। इन दोनों पहाड़ी राज्यों का आकार भले ही छोटा है, लेकिन मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की कतार देहरादून-शिमला से दिल्ली तक बदस्तूर लगी है। इस दौरान सीएम धामी ने हिमाचल में दोबारा भाजपा की सरकार चुनने की अपील की। और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने का दावा किया।