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इसरो के ‘रिसैट-2’ ने पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से प्रवेश किया, जकार्ता के पास हिंद महासागर से टकराया

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चेन्नई। भारत का निष्क्रिय रडार इमेजिंग सैटेलाइट-2 (आरआईएसएटी-2) 30 अक्टूबर को अनियंत्रित तरीके से पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया और जकार्ता के पास हिंद महासागर से टकराया। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने दी है। 300 किलोग्राम आरआईएसएटी-2, एक निगरानी उपग्रह, 20 अप्रैल, 2009 को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का उपयोग करके लॉन्च किया गया था।

चार साल के डिजाइन जीवन के साथ उपग्रह ने शुरू में अंतरिक्ष में संचालन के लिए 30 किलो ईंधन ले लिया था। इसरो के अनुसार, पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने पर उपग्रह के पास कोई ईंधन नहीं था और अध्ययनों ने पुष्टि की कि एयरो-थर्मल विखंडन के कारण उत्पन्न टुकड़े पुन: प्रवेश हीटिंग से नहीं बचे होंगे और इसलिए कोई भी टुकड़ा पृथ्वी को प्रभावित नहीं करेगा।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि, उपग्रह के पुन: प्रवेश की निगरानी इसरो द्वारा श्रीहरिकोटा रॉकेट बंदरगाह पर मल्टी ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग रडार (एमटीओआर) और सॉफ्टवेयर विश्लेषण के साथ की गई थी। इसरो ने जोर देकर कहा, जैसा कि 13.5 वर्षो के भीतर आरआईएसएटी-2 ने फिर से प्रवेश किया, इसने अंतरिक्ष मलबे के लिए सभी आवश्यक अंतरराष्ट्रीय शमन दिशानिर्देशों का अनुपालन किया, जो बाहरी अंतरिक्ष की दीर्घकालिक स्थिरता के प्रति इसरो की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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